March 6, 2021
अधिकार और कर्तव्य नारी जीवन के दो पहिए हैं : श्रीमती कविता थवाईत
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के पीछे महिलाओं को न्याय और अधिकार दिलाने की मुल भावना छिपी हुई है । प्रतिस्पर्धा के इस दौर में नारी कदम से कदम मिलाकर पुरुषों की बराबरी कर रही है । रिक्शा चलाने से लेकर वायुयान उड़ा रही है यह अच्छी बात है लेकिन इस प्रतिस्पर्धा के चलते महिलाओं को पुरुष के साथ अपने सह-अस्तित्व की भावना को नहीं भूलना चाहिए।
उक्त बातें महादेवी महिला साहित्य समिति की उपाध्यक्ष श्रीमती कविता थवाईत ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के संदर्भ में अपना विचार प्रगट करते हुए कही। उन्होंने आगे कहा कि सार्वजनिक जीवन में भले ही महिलाएं आज पुरुष की बराबरी करते हुए हर कार्य को बड़ी लगन और ईमानदारी के साथ कर रही है। लेकिन ईश्वर की अनुपम कृति नारी की संपूर्णता पुरुषों के बिना संभव नहीं है।
अत: महिलाओं को अपनी कामयाबी पर गौरवान्वित होने के साथ साथ पुरूषों के साथ सह-अस्तित्व की भावना को याद रखते हुए अपने पारिवारिक और सामाजिक जीवन मे संतुलन बनाते हुए ही कामयाबी के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए। अधिकार और कर्तव्य नारी जीवन के दो पहिए हैं किसी एक के लड़खड़ाने से जीवन का संतुलन गड़बड़ा जाता है। अत: नारी के लिए अपने अधिकार के साथ साथ कर्तव्यों का पालन करना भी जरूरी है।