नशाखोरी का गढ़ बना सरकंडा क्षेत्र, आम जनता को हो रही परेशानी

 

बिलासपुर। इन दिनों बिलासपुर का सरकंडा थाना क्षेत्र नशे के अवैध कारोबार के चलते लगातार चर्चा में बना हुआ है। क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में नशे का सामान – जैसे नशीले इंजेक्शन, शराब और गांजा – खुलेआम बेचा जा रहा है। इससे न केवल स्थानीय वातावरण दूषित हो रहा है, बल्कि यहां की सामाजिक व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है।

विशेषकर चांटीडीह डबरीपारा में कुछ युवकों द्वारा लगातार नशे का सामान बेचे जाने की शिकायतें सामने आ रही हैं। इससे क्षेत्र में असामाजिक गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसी प्रकार बंधवापारा, अशोक नगर, मोपका, बहतराई और खमतराई जैसे इलाकों में भी मेडिकल नशे का अवैध व्यापार जमकर फल-फूल रहा है।

सरकंडा थाना क्षेत्र अब नशे का गढ़ बनता जा रहा है। इसका सीधा परिणाम यह है कि यहां आए दिन नशे की हालत में रहने वाले लोगों के कारण झगड़े, मारपीट और अन्य आपराधिक घटनाएं हो रही हैं, जिससे आम नागरिक भय और असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर हो गए हैं। जनहित को ध्यान में रखते हुए यह अत्यंत आवश्यक हो गया है कि सरकंडा पुलिस प्रशासन तत्काल कठोर कदम उठाए और एक ठोस अभियान चलाकर नशे का अवैध कारोबार करने वालों पर सख्त कार्रवाई करे।

यह अत्यंत चिंताजनक है कि पूरे बिलासपुर शहर में सबसे अधिक अवैध शराब और गांजा की बिक्री इसी थाना क्षेत्र में हो रही है। इतना ही नहीं, कबाड़ का काला कारोबार भी यहां खूब फल-फूल रहा है, जिससे स्थानीय अपराधियों को आर्थिक संबल मिल रहा है और उनका मनोबल बढ़ रहा है।

अशोक नगर से बिरकोना मार्ग तक के क्षेत्रों में रात के समय राहगीरों के साथ मारपीट, छीना-झपटी और लूटपाट की घटनाएं अब आम हो चली हैं। मुरुम खदान, चांटीडीह, बंधवापारा, चिंगराजपारा और मोपका जैसे इलाकों में वर्षों से यह अवैध कारोबार बेरोक-टोक चल रहा है। इस तरह की गतिविधियों पर अगर समय रहते कठोर कदम नहीं उठाया गया, तो आने वाले समय में स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है।

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