
नैसर्गिक सौंदर्य से भरी है सरोदा दादर पर्यटन क्षेत्र : डॉ. सोमनाथ यादव
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ किसी भी मायने से किसी अन्य पर्यटन क्षेत्रों से कमतर नहीं है, जरूरत है इन क्षेत्रों को जानने की,देखने की और लोगों को बताने की।हम अपने छत्तीसगढ़ में जगह जगह फैले पर्यटन स्थलों को देखें और लोगों को बताएं तभी हम छत्तीसगढ़ को पर्यटन के क्षेत्र में आगे ला सकते हैं।उक्त बातें बिलासा कला मंच के संस्थापक डॉ सोमनाथ यादव ने सरोदा दादर पर्यटन क्षेत्र में कही।छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के सहयोग से बिलासा कला मंच के 18 सदस्य डॉ सोमनाथ यादव के नेतृत्व में 11 और 12 जून को सांस्कृतिक, साहित्यिक और ऐतिहासिक उद्देश्यों को लेकर सरोधा दादर रिसोर्ट में भोरमदेव पर्यटन यात्रा सम्पन्न हुई।इस यात्रा में मुंबई से आये वरिष्ठ साहित्यकार गोपीकृष्ण बुबना ने इस यात्रा को अविस्मरणीय बताया, उन्होंने कहा कि मुझे छत्तीसगढ़ को नजदीक से जानने का अवसर मिला।यात्रा में सबसे पहले भगवान भोलेनाथ का मंदिर भोरमदेव जो 11वी शताब्दी का है उसका दर्शन लाभ लिए।11 जून के शाम को बरसते पानी के मधुर स्वर और मिट्टी की सोंधी सुगंध के बीच छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल और संभावना विषय पर संगोष्ठी आयोजित हुई। 11 जून को यात्रा की शुरुआत बिलासपुर से हुई,प्रथम पड़ाव के रूप में मुंगेली जिला के विश्राम गृह में वहाँ के साथियों के साथ साहित्यिक चर्चा के बाद दल आगे बढ़ा। ग्राम बोड़ला में पारिवारिक मित्रों के बीच स्थानीय पर्यटन पर चर्चा और शीतल पेय के साथ हम लोग पौराणिक स्थान भोरमदेव पहुंचे।संध्या में दल के सदस्यों द्वारा सरस् काव्यगोष्ठी सम्पन्न हुई।12 जून की सुबह खुशनुमा माहौल में स्थानीय बैगा आदिवासियों से भेंट मुलाकात के बाद पीराघाट पर्यटन स्थल देखने का अवसर मिला।पर्यटन मंडल द्वारा बनाये गए ग्लास टावर से प्राकृतिक दृश्यों को देखने का अदभुत आनंद मिला।चिल्फी के पारिवारिक मित्रों के यहाँ भोजन पश्चात दल की वापसी हुई।दल में वरिष्ठ साहित्यकार द्वारिका प्रसाद अग्रवाल,राघवेंद्रधर दीवान,डॉ अजय पाठक,डॉ सुधाकर बिबे,राजेन्द्र मौर्य, महेश श्रीवास, रामेश्वर गुप्ता, डॉ जी डी पटेल,दिनेश्वर जाधव,आनंदप्रकाश गुप्त,देवानंद दुबे,अश्विनी पांडे,अजय तिवारी, संतोष यादव,श्यामकार्तिक,प्रदीप कोशले आदि शामिल रहे।