May 24, 2021
लॉक डाऊन के बहाने एसईसीएल ने बरभांठा को पेयजल से भी वंचित किया, किसान सभा ने की पेयजल आपूर्ति की मांग
कोरबा. छत्तीसगढ़ किसान सभा ने आज एसईसीएल के गेवरा महाप्रबंधक को पत्र लिखकर विस्थापन प्रभावित ग्राम बरभांठा में तत्काल टेंकरों के माध्यम से पानी देने की, बिगड़े हैंड पंपों को सुधारने और गांव के प्रमुख तालाब का गहरीकरण करके उसमें पानी भरने की मांग की है। बरभांठा के ग्रामीणों के आमंत्रण पर आज किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, सचिव प्रशांत झा, दीपक साहू, संजय यादव आदि ने गांव का दौरा किया। किसान सभा नेताओं ने पाया कि इस गांव में जल संकट काफी गंभीर है और कोरोना महामारी के संकट और लॉक डाऊन के बावजूद पेयजल और निस्तारी के लिए ग्रामीणों को काफी भटकना पड़ रहा है, जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है।
किसान सभा नेताओं को ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव में 50 परिवार रहते हैं और 4 वर्ष से उनकी कृषि भूमि का अधिग्रहण होने के बावजूद वे इस पर काबिज हैं। इस गांव के लगे कोयला खदानों में खनन के कारण गांव के तालाब और हैंड पंप पूरी तरह सूख गए हैं। गर्मी में यह समस्या और गंभीर हो जाती है, लेकिन पिछले वर्ष तक एसईसीएल द्वारा भेजे जा रहे टैंकरों से ग्रामीणों को थोड़ी राहत मिल जाती थी। लेकिन लॉक डाऊन का बहाने इस वर्ष इस बुनियादी सुविधा से भी उन्हें वंचित कर दिया गया है।
किसान सभा सचिव प्रशांत झा ने एसईसीएल के इस अमानवीय रवैये की तीखी निंदा की है और आरोप लगाया है कि आपदा में वह अपनी जिम्मेदारियों से बचने का अवसर खोज रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी और लॉक डाउन के कारण जब लोगों की आजीविका को भारी नुकसान पहुंचा है और ग्रामीण क्षेत्रों में भुखमरी फैल रही है, उस समय एसईसीएल जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की संस्था अपनी बुनियादी सामाजिक जिम्मेदारी को भी पूरा नहीं कर रही है। इससे कोरोना के खिलाफ लड़ने की क्षमता में भी कमी आती है। किसान सभा के नेता दीपक साहू ने कहा है कि यदि एसईसीएल प्रबंधन बरभांठा में व्याप्त पेयजल संकट को दूर नहीं करता,तो ग्रामीण जनों को आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।