सेवा एक नई पहल के सानिध्य में लोग करवा रहे हैं गरीबों को भोजन

बिलासपुर. दान धर्म सनातनी परंपरा है जो संस्कार में मिलती है पर वर्तमान में आई दूसरी कोरोना संक्रमण की लहर ने मानव मन खासकर युवा जिन्होने किसी न किसी रुप में अपने करीबी मित्र परिवार या प्रियजन को खोया और अपने स्वजन को एक एक कर जाते देखा और अफसोस यह था कि आपको अपने बीमार प्रियजन के पास खड़े होने और मृत्यु पश्चात् एक नजर देखना तो दूर अन्तिम संस्कार में शामिल होने की भी इजाजत न थी। इन घटनाओं से व्यथित शहर के कुछ युवाओं ने दान धर्म की एक अलग राह चुनी आर्ट ऑफ लिविंग के युवा प्रशिक्षक हेमन्त साहू जिन्होने बलौदा बाजार निवासी अपनी विदुषी युवा बहन को बिलासपुर बुलाकर उपचार करवाया पर बचा न सके उनकी तेरहवीं को सादगी पूर्व तरीके से रेल्वे तितली चौक पर बिना किसी आडंबर के भोजन वितरित कर संपन्न किया । मोबाइल व्यवसायी नवीन मोटवानी अपनी माता श्री की पुण्य तिथि पर सामाजिक संस्था सेवा एक नई पहल के सानिध्य में वृद्धा आश्रम जाकर कच्ची सब्जियां फल फ्रूट मिक्चर बिस्किट का वितरण किया। फूडिज के नाम से ऑनलाइन रेस्टोरेंट चलाने वाले संगम सोनी ने अपनी मां का जन्मदिन बजाए केक काट कर मनाने के कमजोर वर्ग में मिष्ठान वितरित कर मनाया। मेडीकल स्टोर के संचालक प्रकाश वाधवानी ने अपनी माताजी की स्मृति में हंगर फ्री बिलासपुर के माध्यम से भोजन सेवा करवाई आर्ट ऑफ लिविंग की प्रशिक्षिका नीलू दास ने भी अपनी देवरानी के दुखद निधन पर परम्परा से हट कर भूखों को भोजन करवा कर आत्मिक शांति की प्रार्थना की – विगत 28 जनवरी 2019 से निरंतर भोजन सेवा दे रही संस्था हंगर फ्री बिलासपुर के संयोजक सतराम जेठमलानी ने बताया कि पहली कोरोना लहर से जन जीवन उतना प्रभावित नहीं हुआ पर दूसरी लहर ने जन चेतना में एक नया परिवर्तन ला दिया ।