November 30, 2021
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा ट्रेनों में आग रोकने संबंधी अनेक उपाय किये गए
बिलासपुर. रेलवे द्वारा यात्रियो की सुरक्षित यात्रा को सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर कड़े कदम उठाए जाते है । समाचार पत्रो, न्यूज चैनलों, सोशल मीडिया, आपसी संबाद एवं अन्य प्रचार के माध्यमों के द्वारा यात्रियों को ट्रेनों में ज्वलनशील पदार्थ लेकर यात्रा नहीं करने संबंधी चेतावनी समय-समय पर दी जाती है । किसी भी आपात स्थिति में आग की रोकथाम के लिए स्टेशनों और गाड़ियों के एसी कोच आदि में अग्निशमन यंत्र भी उपलब्ध कराए जाते है । रेलवे बोर्ड के द्वारा भी आग से रोकथाम के उपाय एवं सावधानियों के लिए सभी जोनल मुख्यालयों को समय-समय पर निर्देश जारी किया जाता है ।
इसके लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में विशेष प्रशिक्षण अभियान शुरू किया गया है । ट्रेन में उपलब्ध अग्निशमन उपकरण का प्रयोग सभी कर्मचारी कर सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए कर्मचारियों को अग्निशमन व आपातकालीन सेवाएं के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है । साथ ही सुरक्षा मानकों का भी कठोरता से पालन करने का निर्देश दिया गया है । इसमें आरपीएफ, टीटीई, रेलवे गार्ड और अन्य रेल कर्मचारी जो रेलवे के फ्रंट लाइन स्टाफ का शामिल किया गया । प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षकों ने कर्मचारियों को क्लास लेकर और डेमो के माध्यम से जानकारियां दी । इस दौरान उन्हें बताया गया कि यदि किसी गैस सिलेंडर या अन्य माध्यमों से आग लग जाती है तब उस स्थिति में आग को कैसे नियंत्रित करना है । बारी–बारी से प्रत्येक कर्मचारियो से इस डेमो से अभ्यास कराया गया । ट्रेन, स्टेशन और कार्यालयों में अग्निशमन यंत्र रखा होता है । घटना स्थल पर मौजूद कर्मचारी ही यंत्र के जरिए आग पर काबू कर ले । इसीलिए यह प्रशिक्षण आयोजित किया गया ।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में भी आग से रोकथाम के लिए महाप्रबंधक के निर्देशानुसार संरक्षा विभाग के द्वारा आग से रोकथाम की जांच के लिए जांच सारणी तैयार की गई है, जिसकी जांच संबंधित विभाग के अधिकारियों के द्वारा समय समय पर की जाएगी । संरक्षा विभाग के द्वारा आग से रोकथाम की जांच के लिए जारी जांच सारणी इस प्रकार हैः-
01- ट्रेनों से प्लास्टिक के डस्टबिन को अविलंब हटाने का निर्देश दिया गया है ।
02- यात्रियों के द्वारा ट्रेनों में ले जाये जाने वाले ज्वलनशील सामान जैसे गैस सिलेंडर, पेट्रोल/डीजल, फटाके आदि की सघन जांच टीटीई एवं आरपीएफ की मदद से करना ।
03- किसी भी आपात स्थिति के समय बचाव के लिए ट्रेनों के अंदर दरवाजा एवं रास्ता पर की जानेवाली रुकावटों की जांच ।
04- वेंडरों के द्वारा ले जाई जाने वाली ज्वलनशील सामानों की सघन जांच ।
05- यात्रियों एवं रेल कर्मचारियों के द्वारा की जाने वाली धूम्रपान की जांच ।
05- यात्रियों एवं रेल कर्मचारियों के द्वारा की जाने वाली धूम्रपान की जांच ।
06- एसी कोच, पैन्ट्रीकार, पार्सलयान तथा इंजन में अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता, समाप्ति की अवधि एवं उपर्युक्त स्थान की जांच ।
07- कर्मचारियों को अग्निशमन के उपयोग की सही जानकारी, ट्रेनों में आपातकालीन खिडकियों की जगह का स्पष्ट उल्लेख, एसी कोच में आपात स्थिति में आपातकालीन खिड़की तोड़ने के लिए हैमर की उपलब्धता, ट्रेनों में पैसेन्जर अलार्म की उपलब्धता आदि की जांच ।
08- पार्सलयान में रखे गये सामानों एवं छत के बीच की दूरी, पार्सलयान में जरुरत नहीं होने पर लाईट के बटन को बंद रखना, पार्सलयान में रखे दुपहिया वाहनों में पेट्रोल तो नहीं है, कोच में लगे विद्युत उपकरणों की लूज फिटिंग एवं स्पार्किंग आदि की जांच मुख्य रुप से शामिल है ।
09-प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रोनिक एवं सोशल मीडिया के माध्यम से यात्रियो को इस संबंध में जागरूक करना ।
10-रेलवे प्लेटफार्म पर पब्लिक अनाउसमेंट सिस्टम के माध्यम से रेलयात्रियो को इस संबंध में जागरूकता किया जाना ।
11-संरक्षा विभाग के द्वारा विशेष अभियान की शुरुआत ।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के तीनों रेल मंडलो मे फ्रंट लाइन कर्मचारियों को अग्निशमन प्रशिक्षण दिया जा रह है, जिसमें टीटीई, मैकेनिक्स, गार्ड, आरपीएफ आदि शामिल किये गए है । यात्रियों से अनुरोध है कि वे भी रेल प्रशासन के साथ सहयोग करें एवं ज्वलनशील पदार्थ लेकर यात्रा न करें एवं सुरक्षित यात्रा में रेलवे का सहयोग करें ।