एसपी ने जिला नाराणपुर के 35 प्रधान आरक्षकों को स्टार लगाकर सहायक उप निरीक्षक और 149 आरक्षकों को फित्ती लगाकर प्रधान आरक्षक के पद पद किया पदोन्नत
नाराणपुर. पुलिस अधीक्षक गिरिजा शंकर जायसवाल के द्वारा डीआरजी ग्रेट हाॅल, नारायणपुर में कुल 184 जवानों को पदोन्नति दिया गया है, जिसमें जिला नारायणपुर के 35 प्रधान आरक्षकों को स्टार लगाकर सहायक उप निरीक्षक के पद पर पदोन्नति दी गई तथा 149 आरक्षकों को फित्ती लगाकर प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नति दी गई है।
उल्लेखनीय है कि यह पदोन्नति राज्य सरकार के मंशानुरूप पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार एस.ओ.पी. 25/2021 में निहित प्रावधानों तहत् पदोन्नति पूर्व परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले आरक्षक और प्रधान आरक्षकों को वरियता के आधार पर दी गई है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज, जगदलपुर के आदेशानुसार संभाग स्तर पर विभागीय पदोन्नति पूर्व शारीरिक दक्षता परीक्षा और लिखित परीक्षा ली गई तथा परीक्षा में उत्र्तीण जवानों को पदोन्नति पूर्व प्रशिक्षण कराया गया।
प्रधान आरक्षक से सहायक उप निरीक्षक पदोन्नति – पदोन्नति प्रक्रिया के अंतर्गत प्रधान आरक्षक से सहायक उप निरीक्षक के पद पर पदोन्नति हेतु बस्तर संभाग के प्रधान आरक्षकों को पीटीएस लालबाग (जगदलपुर) में पीपी कोर्स कराया गया। पीपी कोर्स के पूर्ण होने पर पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज, जगदलपुर द्वारा आदेश क्रमांक पुमनि/बस्तर/स्था/479/2021, दिनांक 16.12.2021 के तहत् बस्तर संभाग के कुल 237 प्रधान आरक्षकों की पदोन्नति आदेश जारी किया है, जिसमें जिला नारायणपुर के 35 प्रधान आरक्षकों को पदोन्नति का लाभ मिला है।
आरक्षक से प्रधान आरक्षक पदोन्नति – पदोन्नति प्रक्रिया के अंतर्गत आरक्षक से प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नति हेतु जिला नारायणपुर के आरक्षकों को सेनानी, 16वीं वाहिनी छसबल, नारायणपुर के अधीन जिला नारायणपुर में ही पीपी कोर्स कराया गया। पीपी कोर्स के पूर्ण होने पर पुलिस अधीक्षक, नारायणपुर के आदेश क्रमांक/पु.अ./ना.पुर/स्था./पी- 2098/2021 दिनांक 17.12.2021 के द्वारा जिला नारायणपुर के 149 आरक्षकों को प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नति का लाभ दिया गया है।
गिरिजा शंकर जायसवाल ने पदोन्नति प्राप्त जवानों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि पदोन्नति से न सिर्फ आपके व्यक्तिगत और सामाजिक गरिमा में वृद्धि होती है वरन् विभागीय जिम्मेदारियों की भी अभिवृद्धि होती है। अतः पदोन्नति के साथ ही यह आवश्यक है कि आप अपने पदीय गरिमा के अनुरूप अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा के स्तर को भी सशक्त और अव्वल दर्जे का बनायें।