विश्व निमोनिया दिवस पर विशेष : बच्चों में अधिक होती है निमोनिया की बीमारी, ठंड में बच्चे और बुजुर्गों का रखें विशेष ख्याल

बिलासपुर. हर बार की तरह इस बार भी जिले भर  में 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जा रहा है। इसके तहत जिले में निमोनिया के प्रति जागरूकता लाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम, कैंपेन व कई जगह पर आयोजन किए जाने हैं। स्वास्थ्य विभाग भी सभी अस्पतालों में इस दिन जागरूकता अभियान चला रहा है। इसके तहत जिला अस्पताल और अन्य सीएचसी पीएचसी में 0 से 5 साल तक के बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए जागरूक किया जाएगा। बच्चों के माता पिता व बुजुर्गों की देखरेख करने वालों को ठंड में निमोनिया व ठंड से बचाने के लिए उपाये बताए जाएंगे। जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ. सीबी मिश्रा ने बताया, “ठंड में कोविड के साथ साथ बच्चों में सर्दी का भी खतरा मंडरा रहा है। इसके लिए हमें चाहिए कि हम कोविड नियमों का पालन करें। ठंड के मौसम में बच्चों के साथ-साथ बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। ठंड के समय बच्चों में निमोनिया का खतरा अधिक रहता है। यह एक ऐसा रोग है जिसे सही समय पर पहचान करके इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। सर्दी में ठंड लगने से बच्चों के फेफड़े में एक तरह का संक्रमण होता है। इससे सांस लेने में परेशानी होती है। यह संक्रमण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है। इसी को हम निमोनिया भी कहते हैं। यदि निमोनिया के लक्षण बच्चों या बुजुर्गों में दिखें तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए।” मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. महाजन ने बताया, “ठंड में सबसे जरूरी अपने शरीर और फेफड़ों को स्वस्थ रखना है। इसके लिए फेफड़ों को स्वस्थ रखने से संबंधित व्यायाम करें । इस दौरान  विटामिन सी और डी का सेवन काफी फायदेमंद रहता है। जितना हो सके धूम्रपान एवं प्रदूषण से बचें। ताजा व पौष्टिक भोजन करें। एवं कोविड गाइडलाइन का पालन करें। “

निमोनिया के लक्षण
आरएमओ डॉ. सीबी मिश्रा बताते हैं, “निमोनिया होने पर तेज बुखार, खांसी आना, सांस का तेज तेज चलना, पसली तेज चलना निमोनिया के लक्षण होते हैं। ऐसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।“

बच्चों का बचाव कैसे करें
समय पर बच्चे का टीकाकरण कराएं, निमोनिया से बचाव करने के लिए पीसीवी के तीनों टीके अवश्य  लगवाएं जो बीमारी से बचाव का काम करता है। सफाई का ध्यान रखें, खांसते और छींकते समय बच्चे की नाक और मुंह पर रूमाल या कपड़ा रखें। कीटाणुओं को फैलने से रोकें, बच्चों के हाथों बार-बार साफ करते रहें ।

पोषण का ध्यान रखें
बच्चे को प्रथम छह माह तक मां का ही दूध दें । मां का दूध बच्चे में रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है साथ ही मां के दूध में एंटीबॉडीज होती हैं जो बच्चे को रोगों से लड़ने में मदद करती है।

सर्दी में गर्म कपड़े पहनाए
सर्दी से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनाएं, ठंडी हवा से बचाव के लिये कान को ढंके, पैरों के गर्म मोज़े पहनाएं। नंगे पैर ना घूमने दे ठंडे पानी से दूर रखें ।

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