छत्तीसगढ़ में कोरोना महामारी की भयावह स्थिति के लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार : विजय बघेल

दुर्ग. छत्तीसगढ़ में कोरोनावायरस की भयावह स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए दुर्ग लोकसभा के सांसद विजय बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोरोना की स्थिति बेकाबू हुई है इसके लिए राज्य शासन का लापरवाहीपूर्ण रवैया स्पष्ट रूप से जिम्मेदार है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने अपनी हठधर्मिता दिखाते हुए 3 माह से अधिक समय तक हजारों वैक्सीन डोज़ को अनावश्यक रूप से रोके रखा और अपनी बेवजह की जिद्द से उसे जनता तक नहीं पहुंचने दिया, और इसी दौरान कोरोना की गति तेज हो गई जबकि उसी वैक्सीन पर विश्व के 18 से अधिक देशों ने विश्वास कर अपने यहाँ कोरोना को नियंत्रित किया लेकिन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने छत्तीसगढ़ की जनता को धोखा दिया, छत्तीसगढ़ में कोरोना की भयावह स्थिति के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार है।
सांसद विजय बघेल ने कहा कि एक तरफ जहां पूरा छत्तीसगढ़ कोरोना महामारी की भयावह स्थिति का सामना कर रहा है वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ की जनता को लावारिस छोड़ कर असम में अपनी पार्टी का चुनाव प्रचार करके गांधी परिवार की नजरों में नंबर बढ़ाने में लगे हैं। मुख्यमंत्री अपने खुद के प्रदेश और जनता की चिंता छोड़कर दूसरे राज्य में पोलिटिकल पिकनिक मना रहे हैं। सत्ता के शिखर में बैठे व्यक्ति से ऐसे आचरण की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में शासन-प्रशासन नाम की व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है, लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। कोरोना पॉजिटिव हो चुके लोगों के निदान के लिए कहीं कोई सिस्टम सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। प्रदेश में कई जगह अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो चुके हैं और कोरोना की बीमारी में गंभीर स्थिति वाले मरीजों को प्राण रक्षा के लिए ऑक्सीजन एक अनिवार्य आवश्यकता है, ऑक्सीजन के अभाव में मृत्यु दर बढ़ने की पूरी संभावना है। जिसके लिए कोई पूर्व तैयारी शासन प्रशासन द्वारा नहीं की गई है क्योंकि छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री अपने प्रदेश की चिंता छोड़कर असम में डेरा जमाए बैठे है। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद क्वॉरेंटाइन में रहने वाले लोगों की ना तो सही मॉनिटरिंग हो रही है ना ही उन्हें इलाज संबंधी कोई किट इत्यादि प्रदान की जा रही है। कोरोना मरीजों को प्रदेश सरकार ने भगवान भरोसे छोड़ दिया है। कोरोना के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को 230 वेंटिलेटर प्रदान किए गए थे जिसका कोई हिसाब किताब नहीं है कि उक्त 230 वेंटिलेटर का कहां और किस प्रकार से उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश सरकार की अधूरी तैयारी और उपलब्ध सीमित संसाधनों के बावजूद यहाँ के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी निरंतर चौबीसों घंटे मेहनत करके महामारी से जनता को बचाने का पुनीत कार्य कर रहे है जो कि अभिनंदनीय है।
सांसद विजय बघेल ने कहा कि असम विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को फंड मैनेजर बनाया है, इसीलिए कोरोना महामारी से लड़ने की बजाए प्रदेश सरकार अवैध वसूली और उगाही में लगी है, छत्तीसगढ़ से अवैध वसूली और उगाही का पैसा असम में कांग्रेस के चुनाव प्रचार में लगाने हेतु सीमेंट उद्योग में प्रति बोरी 50 से 60 रुपये भूपेश टैक्स लगाया गया, शराब के अवैध व्यापार करने वाले कोचियों से अवैध उगाही करके उन्हें गांव गांव गली गली में शराब बेचने की खुली छूट दे दी गई है, अवैध शराब के परिवहन और भंडारण के लिए पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही में सबसे ज्यादा कांग्रेस पार्टी से जुड़े लोगों पर कार्यवाही हुई है। असम चुनाव के फंड मैनेजर के इशारे पर ही भू माफियाओं से मोटी रकम वसूल कर आम जनता से छल करने की उन्हें खुली छूट दी जा रही है दूसरी तरफ रेत माफिया निरंकुश होकर रेत की चोरी करके तीन गुना कीमत में रेत बेचने के साथ साथ गुंडागर्दी करते हुए आतंक मचा रहे है।
छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को जन स्वास्थ्य और सामाजिक सरोकारों से कोई लेना देना नहीं है। कांग्रेस सरकार केवल शराब से कमाई कर राजस्व इकट्ठा करने की मानसिकता से काम कर रही है। शराब के भंडारण की सीमा को बढ़ाकर 5 लीटर करना ही सरकार की गलत नीयत को दर्शाता है। शराब की खपत बढ़ाकर किसान,मजदूर और युवा को शराब पर आश्रित बनाने की योजना से कांग्रेस सरकार काम कर रही है इसी कारण जहां एक तरफ शराब में कई प्रकार की ड्यूटी कम करके उसकी कीमत कम की जा रही है वही भंडारण क्षमता को बढ़ाकर 5 लीटर तक कर दिया गया है ताकि लोग अधिक से अधिक शराब पीकर अपना स्वास्थ्य और पारिवारिक शांति खराब करें और प्रदेश का सामाजिक माहौल बिगड़े। प्रदेश में बढ़ते अपराध के पीछे भी शराब का ही हाथ है जिस प्रकार से कांग्रेस सरकार शराब की बिक्री को बढ़ावा दे रही है उसके कारण अपराध की प्रकृति और आंकड़े दिन प्रतिदिन बढ़ते चले जा रहे है। छत्तीसगढ़ अब अपराधगढ़ बनता चला जा रहा है तो इसमें प्रदेश सरकार की गलत नीति के चलते शराब की बेतहाशा बिक्री किया जाना प्रमुख कारण है। प्रदेश सरकार के शराब प्रेम को इसी घटना से समझा जा सकता है कि प्रदेश सरकार ने दिनांक 28 मार्च होलिका दहन के दिन शाम 4:30 बजे शराब दुकान बंद करने का निर्णय लिया जिसे उसी दिन शाम 4:00 बजे संशोधित करते हुए रात्रि 10:00 बजे तक दुकान खोलने का नया आदेश जारी किया।
सांसद विजय बघेल ने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रदेश शासन ने कभी भी कोई आपातकालीन तैयारी नहीं की, जिसका खामियाजा आज प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष मार्च-अप्रैल के लॉकडाउन के दौरान तमाम उपाय करते हुए महामारी से निपटने के लिए तमाम साधन संसाधन जुटा लिए थे इसके विपरीत प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने 1 वर्ष व्यतीत होने के बाद भी महामारी से निपटने के लिए कोई अतिरिक्त उपाय नहीं किए जिसके कारण आज जब भयावह स्थिति है तो डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की सतत मेहनत के बावजूद छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य तंत्र लोगों को राहत पहुंचाने में पूरी तरह से विफल साबित हो रहा है। निजी अस्पतालों पर कोई लगाम नहीं होने से लोगों की मेहनत की कमाई के लाखों रुपए कोरोना के इलाज में बेवजह लूटे जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में शासन और व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है प्रदेश की जनता में त्राहि-त्राहि मची हुई है और जिस प्रकार रोम जल रहा था और नीरो बांसुरी बजा रहा था ठीक उसी प्रकार आज छत्तीसगढ़ कोरोना महामारी के प्रकोप से जल रहा है और यहां का मुखिया असम में जाकर बांसुरी बजा रहा है।
सांसद विजय बघेल ने प्रदेश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि प्रदेश कांग्रेस सरकार ने तो अपने स्वर्गीय नेता राजीव गांधी के नाम पर चलने वाली योजना में भी अन्याय कर दिया है और किसानों को दी जाने वाली अंतिम किस्त में बिना कोई कारण बताए कटौती कर दी है। न्याय के नाम पर चलाई जा रही योजना में अन्याय किया जा रहा है। राजीव गांधी जैसे सम्माननीय नेता का नाम जिस योजना से जुड़ा हो उस योजना को भी ईमानदारी से लागू नहीं किया गया। विजय बघेल ने कहा कि सरकार अभी पुराने साल की धान खरीदी की पूरी रकम का भुगतान नहीं कर पाई है ऐसे में वर्तमान वर्ष की धान खरीदी की अतिरिक्त राशि और बोनस का कोई ठिकाना ही नहीं है। गंगाजल हाथ में लेकर शराबबंदी और धान की पूरी रकम भुगतान करने का झूठा वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस अब अपने असली रंग दिखा रही है लेकिन गंगाजल की झूठी शपथ का हिसाब किताब आने वाले समय में प्रदेश की जनता जरूर करेगी।

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