नीली रोशनी से रहें दूर तो बचेगा नूर
दरअसल, स्मार्ट गैजेट्स से निकलने वाली ब्लू लाइट भी एक तरह का रेडिएशन ही है। जिसका आंखों ही नहीं, स्किन पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। द हेल्थ साइट में प्रकाशित समाचार के मुताबिक, मोबाइल, लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी उम्र से पहले बुढ़ापा और धूप में न निकलने पर भी स्किन टैनिंग जैसी परेशानी की वजह बन रही है। साथ ही यह नीली रोशनी चेहरे पर डार्क स्पॉट और पिग्मेंटेशन जैसी स्किन की कई समस्याओं का कारण हो सकती हैं । इसकी वजह यह है कि नीली रोशनी का यूजर्स की स्किन टोन पर असर पड़ता है। स्मार्ट गैजेट्स से निकलने वाली ब्लू लाइट की किरणें स्क्रीन में झांक रहे इंसान की स्किन टोन को बहुत ज्यादा प्रभावित करती हैं। गैजेट्स से निकलने वाले इस प्रकाश के दुष्प्रभाव को आमतौर पर आंखों को नुकसान पहुंचाने से ही जोड़कर देखा जाता है। जबकि यह चेहरे की सुंदरता को भी फीका करने वाला है। असल में स्मार्ट गैजेट्स से निकलने वाली यह रोशनी त्वचा के रोम-रोम में समाते हुए गहराई तक जाती है। जिसके चलते खुजली, रूखापन और टैनिंग की समस्या शुरू हो जाती है। इतना ही नहीं, हरदम स्क्रीन के सामने रहने और गैजेट्स का ज्यादा इस्तेमाल करने से स्किन के बहुत ज्यादा रूखा हो जाने का खतरा है।