रायपुर. संयुक्त किसान मोर्चा, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति और विभिन्न ट्रेड यूनियन संगठनों के आह्वान पर आज 9 अगस्त को पूरे छत्तीसगढ़ में भी ‘भारत बचाओ, कॉर्पोरेट भगाओ’ के नारे के साथ आंदोलन हुआ। यह आंदोलन कॉर्पोरेटपरस्त तीन किसान विरोधी कानूनों तथा मजदूर विरोधी श्रम संहिता को वापस लेने, फसल की सी-2 लागत का
रायपुर. संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर कल 9 अगस्त को पूरे छत्तीसगढ़ में भी ‘भारत बचाओ, कॉर्पोरेट भगाओ’ के नारे के साथ किसान आंदोलन करेंगे। यह आंदोलन कॉर्पोरेटपरस्त तीन किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने तथा फसल की सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने
कोरबा. संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के देशव्यापी आह्वान पर छत्तीसगढ़ किसान सभा के तत्वावधान में अरदा गांव में कबीर जयंती मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुवात में संत कबीर पर पीएचडी करने वाले डॉ. आर एन चंद्रा का किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर द्वारा स्मृति चिन्ह और
संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के देशव्यापी आह्वान पर छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन से जुड़े सभी घटक संगठन भी 26 जून को “कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ” दिवस मनाएंगे तथा किसान विरोधी तीनों काले कानूनों की वापसी की मांग को लेकर गांव-गांव में प्रदर्शन आयोजित करेंगे। इस दिन किसान आंदोलन राज्य सरकार
संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के विभिन्न घटक संगठनों ने आज गांव-गांव में किसान विरोधी काले कानूनों की प्रतियां जलाई। कई स्थानों पर ये प्रदर्शन भाजपाई नेताओं के घरों और कार्यालयों के आगे भी आयोजित किये गए। ये प्रदर्शन किसान आंदोलन के 20 से
संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के विभिन्न घटक संगठन 5 जून को भाजपा नेताओं और भाजपाई जन प्रतिनिधियों के कार्यालयों और घरों के समक्ष तीनों किसान विरोधी कानूनों की प्रतियां जलाएंगे तथा इन कानूनों की वापसी की मांग करेंगे। आज यहां जारी एक बयान
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन और छत्तीसगढ़ किसान सभा के आह्वान पर मोदी सरकार द्वारा बनाये गए तीन किसान विरोधी कानूनों और चार मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं को निरस्त करने और सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का कानून बनाने, कोरोना महामारी से निपटने सभी लोगों को मुफ्त
550 संगठनों से बने संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के देशव्यापी आह्वान पर कल 26 मई को छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन से जुड़े 25 से ज्यादा संगठन कल 26 मई को पूरे प्रदेश में काला दिवस मनाएंगे तथा गांव-गांव, घर-घर में काले झंडे लगाएंगे और मोदी सरकार का पुतला जलाकर किसान
संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के देशव्यापी आह्वान पर छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन भी पूरे प्रदेश में 26 मई को काला दिवस मनाएगा। इस दिन किसान अपने घरों और वाहनों पर काले झंडे लगाकर किसान विरोधी तीनों कानून वापस लेने की मांग करेंगे और मोदी सरकार के कुशासन के सात साल
संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के देशव्यापी आह्वान पर छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन और इससे जुड़े घटक संगठन मोदी सरकार की कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों के खिलाफ 26 मई को पूरे प्रदेश में काला दिवस मनाएंगे। और इस सरकार की मजदूर-किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करेंगे। आज यहां जारी एक
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर छत्तीसगढ़ के किसानों और नागरिक-समूहों ने भी कल होली के अवसर पर कृषि विरोधी कानूनों का दहन किया और इन कानूनों के खिलाफ चल रहे देशव्यापी संघर्ष को और तेज करने की शपथ ली। छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के संयोजक सुदेश टीकम
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर पूरे प्रदेश के किसान और नागरिक-समूह कल होली में कृषि विरोधी कानूनों का दहन करेंगे और इन कानूनों के खिलाफ चल रहे देशव्यापी आंदोलन को तेज करने की शपथ लेंगे छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के संयोजक सुदेश टीकम और छत्तीसगढ़ किसान सभा
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और 500 से अधिक किसान संगठनों के साझे मोर्चे संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर छत्तीसगढ़ में भी छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन और छत्तीसगढ़ किसान सभा सहित इससे जुड़े अन्य घटक संगठनों ने तीनों कृषि विरोधी कानूनों को वापस लेने, सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा सहित सैकड़ों किसान संगठनों के देशव्यापी आह्वान पर किसान विरोधी तीनों कानूनों और बिजली संशोधन कानून को वापस लेने, सी-2 लागत आधारित न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने, पेट्रोल-डीजल-गैस की कीमतों को आधा करने और श्रम कानूनों को बहाल करने की मांग को लेकर
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और 500 से अधिक किसान संगठनों के साझे मोर्चे संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर छत्तीसगढ़ में भी छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन और छत्तीसगढ़ किसान सभा सहित इससे जुड़े अन्य घटक संगठन 15 मार्च को कॉर्पोरेट विरोधी दिवस मनाएंगे और महंगाई और निजीकरण के खिलाफ जिलों और ब्लॉकों में प्रशासन
रायपुर. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा मोदी सरकार की कृषि विरोधी नीतियों के खिलाफ चलाये जा रहे देशव्यापी आंदोलन के क्रम में पूरे देश में किसान पंचायतें आयोजित की जा रही है। छत्तीसगढ़ किसान सभा और छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन द्वारा संयुक्त रूप से प्रदेश में भी इन पंचायतों का आयोजन
रायपुर. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर छत्तीसगढ़ किसान सभा और आदिवासी एकता महासभा सहित छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन से जुड़े विभिन्न घटक संगठनों द्वारा आज रायपुर, कोरबा, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ़, कांकेर, दुर्ग, सरगुजा, सूरजपुर व बालोद जिलों सहित पूरे प्रदेश में चक्का जाम, धरना और प्रदर्शन किया
रायपुर. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर कल 6 फरवरी को छत्तीसगढ़ किसान सभा और आदिवासी एकता महासभा सहित छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन से जुड़े घटक संगठन किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने और सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने का कानून बनाने की
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर आज छत्तीसगढ़ किसान सभा और आदिवासी एकता महासभा द्वारा कोरबा, सूरजपुर व सरगुजा जिलों समेत प्रदेश में कई जगहों पर किसान गणतंत्र परेड आयोजित किये गए। ये परेड मोदी सरकार द्वारा बनाये गए चार कॉर्पोरेटपरस्त श्रम संहिता और तीन किसान विरोधी
रायपुर. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर कल छत्तीसगढ़ किसान सभा और आदिवासी एकता महासभा सहित छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन से जुड़े घटक संगठनों द्वारा पूरे प्रदेश में राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर कॉर्पोरेटपरस्त कृषि कानूनों को वापस लेने और फसल की सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम