छत्तीसगढ बचाओ आंदोलन ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर व्यापक चर्चा कर इसे मोदी सरकार द्वारा लोकतंत्र और संविधान पर हमला बताया है और आरोप लगाया है कि आरएसएस संचालित सरकार अपनी विभाजनकारी नीतियों को थोप कर पूरे देश और आम जनता को साम्प्रदयिक दंगो में झोंकना चाहती हैं। सीबीए ने दिल्ली में हुए दंगों
रायपुर. सीएए, एनपीआर और एनआरसी की क्रोनोलाजी का पर्दाफाश करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने मोदी सरकार की नीति और मंशा पर सवाल खड़ा किये। यह सही है कि अभी तक देश के केवल एक राज्य असम में एनआरसी हुआ है। लेकिन जहां एनआरसी हुआ उस असम
कोरबा.नागरिकता कानून में पहली बार धर्म की शर्त जोड़ी गई है, जो हमारे देश के संविधान की बुनियादी धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर ही हमला है। इसके खिलाफ पूरा देश आंदोलित और उद्वेलित है। एनपीआर और एनआरसी के साथ मिलकर यह कानून जो रसायन बनाता है, वह देश की एकता-अखंडता को ही नष्ट करने वाला है और
रायपुर. दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में सांप्रदायिकता और नफरत की राजनीति को जनता ने खारिज किया। सीएए और एनआरसी को भाजपा ने दिल्ली चुनाव में मुद्दा बनाया था। आम आदमी पार्टी के
रायपुर. कांग्रेस ने कहा है कि नोटबंदी में प्रचलन से ज़्यादा नोट बैंक में एकत्रित कर चुकी भाजपा सरकार अब छत्तीसगढ़ में आबादी से अधिक लोगों से संपर्क करेगी। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि एनआरसी और सीएए के देश भर में हो रहे विरोध से
रायपुर.प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद पी.आर. खुंटे ने कहा कि सी.ए.ए.-एन.आर.सी. आर.एस.एस की गुप्त एजेंडों का एक हिस्सा है। जिसे लागू करने भाजपा आतुर है। आरएसएस की मुख्य एजेंडा है कि देश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और अकलियत के खिलाफ करना इन वर्गो के होने से कांग्रेस मजबूत होता है, क्योंकि
पटना. चुनावी रणनीतिकार और जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी यानी एनआरसी को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा कि एनआरसी ने अपने ही देश में लाखों लोगों को विदेशी बना दिया है. उन्होंने कहा कि रणनीतिक और प्रणालीगत चुनौतियों पर ध्यान दिए बिना राष्ट्रीय सुरक्षा