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‘रोका-छेका’ प्रथा अनुरूप पशुओं के नियंत्रण से फसल बचाव की शपथ लेंगे जनप्रतिनिधि और ग्रामीण : फसल बोआई कार्य के पूर्व खुले में चराई कर रहे पशुओं के नियंत्रण हेतु छत्तीसगढ़ में रोका-छेका प्रथा प्रचलित है। जिसमें फसल बोआई को बढ़ावा देने तथा पशुओं के चरने से फसल को होने वाले हानि से बचाव के

बेलर मशीन से पैरा दान करना हुआ आसान, गौठान के पशुओं को मिलेगा भरपूर चारा

बिलासपुर. शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के अंतर्गत गौठानों में पशुओं को चारे की व्यवस्था स्ट्रा बेलर मशीन के इस्तेमाल से आसान हो गई है। यह मशीन शीघ्रता से खेतों के पैरे का गट्ठर बनाती है। फसल कटने के बाद पैरा का बण्डल बनाने वाली मशीन को स्ट्रा बेलर मशीन कहते
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