“पुरुष प्रधान सामाजिक व्यवस्था ही नहीं वरन ऐसे सोच को भी समाप्त करना आवश्यक है; जब तक ऐसे अमानवीय व्यवस्थाएं समाप्त नही हो जाते आपके बहन, बेटियों के साथ अन्याय, अत्याचार, प्रताड़ना और हिंसा होते रहेंगे।” ऐसे सभी प्रकार के परंपराओं, व्यवस्थाओं और मानसिकता को समाप्त करने की जरूरत है जो मानव को मानव से