नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना के दोषी वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) भी कार्रवाई करने जा रही है. काउंसिल ने इस बात की जांच करने का फैसला किया है कि वकील भूषण का आचरण वकालत करने के तय मानक के मुताबिक था या नहीं. वकीलों की इस सर्वोच्च
नई दिल्ली. कोर्ट की आपराधिक अवमानना के दोषी वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) की सजा पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए 1 रुपये का जुर्माना लगाया. सुप्रीम कोर्ट ने 15 सितंबर तक जुर्माना जमा करवाने का आदेश दिया. जुर्माना जमा नहीं करवाने पर प्रशांत भूषण को 3 महीने की जेल और 3 साल तक उनकी
नई दिल्ली. आपराधिक अवमानना के दोषी वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सजा सुनाएगा. पिछली सुनवाई में प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद कोर्ट ने भूषण के वकील राजीव धवन से ही पूछा था कि आप बताइये, आपके मुवक्किल को क्या सजा दी
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अवमानना मामले (Contempt Case) में प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) के खिलाफ सजा पर फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है. मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने प्रशांत भूषण के वकील राजीव धवन से पूछा कि ‘बताइये, आपके मुवक्किल को क्या सजा दी जाए?’ राजीव धवन ने कहा कि, ‘प्रशांत भूषण
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की आपराधिक अवमानना मामले में दोषी वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटमेंट दाखिल कर माफी मांगने से इनकार कर दिया है. प्रशांत भूषण ने कहा कि वह अदालत का बहुत सम्मान करते हैं लेकिन माफी मांगना अंतरात्मा की अवमानना होगी. सुप्रीम कोर्ट भूषण को सजा पर
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की अवमानना मामले में वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) के लिए माफीनामा दाखिल करने का आज आखिरी दिन है. हालांकि प्रशांत भूषण खुद को निर्दोष बताते हुए माफी मांगने से इनकार कर चुके हैं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अवमानना मामले में वकील प्रशांत भूषण (Lawyer Prashant Bhushan)
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) की ओर से अवमानना के मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण (Prashant bhushan) को दोषी ठहराए जाते ही देश के ‘बुद्धिजीवी’ (Intellectual) एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के 13 पूर्व जजों समेत करीब 200 बुद्धिजीवियों ने बयान जारी कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर