Tag: भूमि अधिकार आंदोलन

कृषि विरोधी अध्यादेशों के खिलाफ छत्तीसगढ़ के आदिवासियों और किसानों ने किया प्रदर्शन

अनियंत्रित ढंग से बढ़ती कोरोना महामारी के प्रकोप और आदिवासी क्षेत्रों में भारी बारिश के बावजूद छत्तीसगढ़ में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और भूमि अधिकार आंदोलन के आह्वान पर केंद्र सरकार द्वारा जारी किसान विरोधी अध्यादेशों के खिलाफ और ग्रामीण जनता की आजीविका बचाने की मांग पर सैकड़ों गांवों में हजारों किसानों और

केंद्र-राज्य सरकार की किसान-आदिवासी विरोधी नीतियों के खिलाफ आज देशव्यापी विरोध प्रदर्शन

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और भूमि अधिकार आंदोलन से जुड़े 300 से अधिक किसानों और आदिवासियों के संगठनों के आह्वान पर कल संसद सत्र के पहले ही दिन 14 सितम्बर को पूरे प्रदेश में केंद्र-राज्य की किसान-आदिवासी विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। इसी दिन दिल्ली में समन्वय समिति से जुड़े संगठन हजारों

भूमि अधिकार आंदोलन : किसानी बचाओ के नारे के साथ किसानों ने कहा – देश नहीं बिकने देंगे

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, भूमि अधिकार आंदोलन और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के देशव्यापी आह्वान पर आज यहां छत्तीसगढ़ में भी राजनांदगांव, बस्तर, धमतरी, बिलासपुर, दुर्ग, कोरबा, सरगुजा, बलरामपुर, रायपुर, महासमुंद, रायगढ़, चांपा-जांजगीर, सूरजपुर, मरवाही, कांकेर और गरियाबंद जिलों के अनेकों गांवों, खेत-खलिहानों और मनरेगा स्थलों में आज केंद्र में मोदी सरकार की मजदूर-किसान

9 अगस्त की देशव्यापी मजदूर-किसान आंदोलन को वामपंथी पार्टियों ने दिया समर्थन

छतीसगढ़ की पांच वामपंथी पार्टियों ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, किसान संघर्ष समन्वय समिति और भूमि अधिकार आंदोलन से जुड़े किसान-आदिवासी संगठनों द्वारा मोदी सरकार की मजदूर-किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ 9 अगस्त को आहूत देशव्यापी हड़ताल का समर्थन किया है। आज यहां जारी एक बयान में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के संजय पराते, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी

9 अगस्त को मजदूर-किसानों का देशव्यापी आंदोलन

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और भूमि अधिकार आंदोलन के आह्वान पर 9 अगस्त को छत्तीसगढ़ में किसानों और आदिवासियों के 25 संगठन “ये देश बिकाऊ नहीं है और कॉर्पोरेटों, किसानी छोड़ो” के थीम नारे के साथ आंदोलन के मैदान में होंगे। इसी दिन केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के झंडे तले संगठित और असंगठित क्षेत्र

कोयले का व्यावसायिक खनन : प्रदेश के 25 किसान संगठनों में फिर बनी एकता, 3 जुलाई को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन में लेंगे हिस्सा

भूमि अधिकार आंदोलन और इससे जुड़े अखिल भारतीय किसान सभा तथा आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच के आह्वान पर निर्यात के लिए कोयला खदानों के व्यावसायिक खनन करने हेतु कोयला खदानें कार्पोरेटों को नीलामी करने के मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ छत्तीसगढ़ के 25 किसान संगठनों ने फिर अपनी एकता कायम की है और 3

कोल ब्लॉक नीलामी को चुनौती देने किसान सभा अगले माह करेगी तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल

रायपुर. भूमि अधिकार आंदोलन और इससे जुड़े अखिल भारतीय किसान सभा तथा आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच के आह्वान पर छत्तीसगढ़ किसान सभा तथा आदिवासी एकता महासभा देश के 41 कोल ब्लॉकों को कारपोरेटों को नीलाम करने तथा इसके व्यवसायिक खनन की अनुमति देने के खिलाफ कोयला श्रमिकों की 2-4 जुलाई को आहूत तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी
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