Tag: मनुष्य

शिक्षक की भूमिका है मनुष्‍य निर्माण : प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल

वर्धा. शिक्षकों का दायित्व श्रेष्ठ मनुष्यों का निर्माण करना है। इसका मापन अकादमिक उपलब्धि या शिक्षोपरांत आय से नहीं हो सकता है। हमें अपने विद्यार्थियों को सर्जनात्मक कल्पना की क्षमता से युक्त एवं स्वावलंबी बनाना है, यही मनुष्य के निर्माण की प्रक्रिया है। उक्‍त उद्बोधन कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने व्‍यक्‍त किये। वे महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय

भारतीयता मनुष्‍य बनाने की है प्रक्रिया : प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल

वर्धा. भारतीयता मनुष्‍य बनाने की प्रक्रिया है। भारतीयता पश्‍चाताप जैसी अवधारणा को स्‍वीकार नहीं करती है। भारतीय परंपराएं प्रायश्चित की बात करती है। हमें भावी पीढ़ी को जीने लायक धरती देनी है तो वर्तमान पीढ़ी को इस विकास की अंधी दौड़ से अलग होकर आवश्‍यक प्रायश्चित करने पड़ेंगे। उक्‍त विचार कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल

प्रसन्नता और सन्तोष प्राप्त करने का उपाय है, ध्यान : योग गुरु महेश अग्रवाल

भोपाल. योग गुरु अग्रवाल ने बताया कि अधिकतर मनुष्य सुख की खोज में हैं, परन्तु बहुत कम लोग ऐसे उपाय ढूँढ़ पाते हैं जो उन्हें सन्तोष प्रदान कर सकें। लोग सुख प्राप्त करने के लिए टेलीविज़न, सिनेमा, खेलकूद आदि की ओर झुकते हैं। इनसे शायद उन्हें क्षणिक सुख मिल जाता हो, परन्तु चिरस्थायी सुख से

बौद्धिक संपदा का प्रबंधन समय की आवश्यकता : डॉ. पंकज बोरकर

वर्धा. मनुष्य के मस्तिष्क से उपजी कल्‍पना से किया गया आविष्कार बौद्धिक संपदा है। बौद्धिक संपदा का प्रबंधन करना आज के समय की आवश्यकता है। यह विचार राजीव गांधी राष्‍ट्रीय बौद्धिक संपदा प्रबंधन संस्‍थान नागपुर के उप नियंत्रक डॉ. पंकज बोरकर ने व्यक्त किये। वे महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्‍चायन प्रकोष्‍ठ के

वाड्रफनगर वन विभाग ने की बड़ी कार्रवाई, वन्यजीवों के शिकार करने वाले बारह आरोपियों को भेजा जेल

बलरामपुर. सैकड़ों सालों से वन्य जीवो पर अत्याचार और इनकी हत्या लगातार मनुष्य द्वारा मनोरंजन के लिए किया जा रहा है जिसकी घाटती संख्या को देखते हुए वन्यजीवों के शिकार पर प्रतिबंध लगाया गया है लेकिन वन्यजीवों की हत्या आज भी मनोरंजन और पैसे के लिए जारी है लेकिन बलरामपुर वन विभाग के द्वारा ऐसे

अपोलो मे मनाया गया विश्व पर्यावरण दिवस

बिलासपुर. वृक्ष आक्सीजन छोड़ते है जो मनुष्य के लिए प्राण वायु है। पेड़ मानव को कितना कुछ देते है फिर भी वो वृक्षों का काट देते है। यदि आप आज जागरूक नहीं हुए और वृक्षों की कटाई पर रोक लगाने में एवं वृक्षारोपण में सहयोग नहीं दिया तो वह दिन दूर नहीं जब पृथ्वी का
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