26 अगस्त को नौ महीने पूरे करने वाले किसान आंदोलन ने भाजपा के ब्रह्मास्त्र आईटी सैल और पाले-पोसे कारपोरेट मीडिया के जरिये किये जाने वाले दुष्प्रचार और उसके जरिये उगाई जाने वाली नफरती भक्तों की खरपतवार की जड़ों में भी, काफी हद तक, मट्ठा डाला है। भारतीय जनता पार्टी और उसके रिमोट के कंट्रोलधारी आरएसएस
बिलासपुर. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम 26 अगस्त गुरुवार को रायपुर से ग्राम कुम्हारी, जिला मरवाही के लिए रवाना होंगे। दोपहर 2 बजे ग्राम कुम्हारी, जिला मरवाही में डॉ. विधायक के. के. ध्रुव के निवास पर शोक कार्यक्रम में शामिल होंगे। शाम 4 बजे ग्राम कुम्हारी, जिला मरवाही से अचानकमार, मुंगेली के लिये रवाना होंगे।
रायपुर. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम 26 अगस्त गुरुवार को रायपुर से ग्राम कुम्हारी, जिला मरवाही के लिए रवाना होंगे। दोपहर 2 बजे ग्राम कुम्हारी, जिला मरवाही में डॉ. विधायक के. के. ध्रुव के निवास पर शोक कार्यक्रम में शामिल होंगे। शाम 4 बजे ग्राम कुम्हारी, जिला मरवाही से अचानकमार, मुंगेली के लिये रवाना होंगे।
26 अगस्त को किसान आंदोलन के 9 महीने पूरे हो जाएंगे । इस किसान आंदोलन की ऐतिहासिकता और विशेषताओं के बारे में काफी कुछ लिखा जा चुका है, लिखा जाएगा। इसमें इसके विरोधियों को भी कोई संदेह नहीं है कि यह आंदोलन मानव जाति के संघर्षों की सूची में प्रमुखता के साथ दर्ज होगा। अनेक
26 अगस्त को नौ महीने पूरे कर रहे किसान आंदोलन को किसी परिचय या भूमिका की आवश्यकता नहीं है। यहां सीधे इसकी कुछ विशेषताओं पर आते हैं। इस असाधारण किसान आन्दोलन की इन सबसे भी कहीं ज्यादा बुनियादी और दूरगामी छाप छोड़ने वाली विशेषतायें पाँच हैं। पहली है : इस लड़ाई का नीतिगत सवालों पर