चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार के राज्य में जाति आधारित जनगणना के निर्णय को एक सही कदम बताते हुए कहा कि सर्वेक्षण के नतीजों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए तथा संकलित किए गए आंकड़ों का उपयोग राज्य के दबे-कुचले वर्ग की मदद के लिए नीतियां बनाने में किया जाना चाहिए.