नई दिल्ली. पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2021) में मृतक परिजनों की आत्मा के लिए तर्पण-श्राद्ध (Tarpan-Shradh) किए जा रहे हैं. कई मृतक ऐसे होते हैं जिनकी तिथि (Tithi) पता नहीं होता है, लिहाजा उनका श्राद्ध कब करें इसकी जानकारी नहीं होती है. इस संबंध में धर्म-शास्त्रों में कुछ अहम जानकारियां दी गईं हैं. इसमें सुहागिन
नई दिल्ली. पितृ पक्ष (Pitru Paksha) या श्राद्ध पक्ष (Shradh Paksha) को लेकर एक सबसे अहम बात कही जाती है कि इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए. यहां तक कि 15 दिनों की इस अवधि में शॉपिंग (Shopping) करने की भी मनाही की गई है. ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू के मुताबिक पितृ पक्ष
नई दिल्ली. पितरों की आत्मा की शांति के लिए पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में तर्पण-श्राद्ध (Tarpan-Shradh) किया जाता है. पितृ इससे खुश होकर आशीर्वाद देते हैं और जिंदगी में सुख-समृद्धि देते हैं. यदि पूर्वजों (Ancestors)की कृपा आप पर हो रही है तो इसके संकेत भी पितृ पक्ष में नजर आते हैं. ये संकेत (Indications) बताते हैं
नई दिल्ली. भाद्रपद महीने की पूर्णिमा यानी कि आज 20 सितंबर 2021 से पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2021) शुरू हो रहे हैं. हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को बहुत अहम माना गया है. 15 दिनों के इस समय में लोग अपने पूर्वजों (Ancestors) को याद करक उनकी आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध
नई दिल्ली. 20 सितंबर से हिंदू धर्म में पितृ पक्ष (Pitru Paksha) शुरू होने जा रहे हैं. अपने पूर्वजों (Ancestors) को याद करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए इस दौरान पिंडदान (Pind Daan), श्राद्ध (Shradh) किया जाता है. ताकि उनकी कृपा बनी रहे और उनके आशीर्वाद से जिंदगी में सफलता, सुख-समृद्धि मिले. धर्म-पुराणों
नई दिल्ली. हिंदू धर्म में हर अमावस्या और अश्विन माह में आने वाले पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में पितरों की शांति के लिए पिंड दान या श्राद्ध (Shardh) किया जाता है. इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. इस साल 20 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू हो रहा है. अश्विन माह के पूरे कृष्ण पक्ष