वॉशिंगटन. अमेरिका (America) ने तालिबान (Taliban) की डेडलाइन से पहले ही अफगानिस्तान (Afghanistan) छोड़ दिया है. यूएस आर्मी के आखिरी विमान ने सोमवार को काबुल के हामिद करजई एयरपोर्ट से उड़ान भरी. इसके साथ ही अमेरिका की अफगानिस्तान में 20 साल की सैन्य मौजूदगी खत्म हो गई है. तालिबान ने विदेशी सैनिकों को 31 अगस्त तक
वॉशिंगटन. अफगानिस्तान (Afghanistan) पर अपने फैसले को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) एक बार फिर लोगों के निशाने पर हैं. सोशल मीडिया (Social Media) पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है और लोग तरह-तरह के कमेंट कर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं. दरअसल, काबुल में शहीद सैनिकों के शव
वॉशिंगटन. काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका (America) बेहद गुस्से में है. राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने हमले के लिए जिम्मेदार इस्लामिक स्टेट (ISIS) को अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है. अपने सैनिकों और आम अफगानियों की मौत पर भावुक हुए बाइडेन ने कहा कि ISIS को इसकी कीमत
वॉशिंगटन. अफगानिस्तान (Afghanistan) को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने तालिबान को चेतावनी देते हुए अपने हर नागरिक को सुरक्षित बाहर निकालने का वादा किया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि अमेरिका की मदद करने वाले अफगानियों का भी ख्याल रखा जाएगा. राष्ट्रपति ने कहा कि
काबुल. अफगानिस्तान (Afghanistan) में जारी खूनी संघर्ष के बीच तालिबान (Taliban) को अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने शुक्रवार को कंधार (Kandahar) पर कब्जा कर लिया है. तालिबान ने दावा किया कि उसने एक और प्रांतीय राजधानी कंधार पर कब्जा कर लिया है. अब सिर्फ राष्ट्रीय राजधानी
कंधार. अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद से ही तालिबान (Taliban) ने कोहराम मचाया हुआ है. इस बीच, अफगान सेना ने बल्ख प्रांत के मजार में तालिबान पर एयरस्ट्राइक (Airstrike) की है, जिसमें कम से कम 18 तालिबानी आतंकी मारे गए हैं. जबकि अब तक कुल 439 आतंकियों को सेना ने ढेर कर
कंधार. अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिकी सैनिकों (US Troops) की वापसी के साथ ही तालिबान (Taliban) ने फिर से सिर उठाना शुरू कर दिया है. कई इलाकों पर तालिबान ने कब्जा जमा लिया है और अफगानिस्तान के सैनिकों को अपनी जान बचाने के लिए यहां-वहां भागना पड़ रहा है. ऐसे में अफगान की महिलाओं ने मोर्चा