Taliban के डर से मैदान छोड़ भागे सैनिक, Afghan Women ने संभाला मोर्चा; आखिरी सांस तक लड़ने की खाई कसम
कंधार. अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिकी सैनिकों (US Troops) की वापसी के साथ ही तालिबान (Taliban) ने फिर से सिर उठाना शुरू कर दिया है. कई इलाकों पर तालिबान ने कब्जा जमा लिया है और अफगानिस्तान के सैनिकों को अपनी जान बचाने के लिए यहां-वहां भागना पड़ रहा है. ऐसे में अफगान की महिलाओं ने मोर्चा संभाल लिया है. महिलाएं अपने सैनिकों का हौसला बढ़ाने के लिए हथियारों के साथ मैदान में उतर आई हैं. उनका कहना है कि वो आखिरी दम तक तालिबान से लड़ने के लिए तैयार हैं.
Governor से मांगी अनुमति
खबर के अनुसार, अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) राज की आशंका के मद्देनजर महिलाओं (Afghan Women) ने मोर्चा संभाल लिया है. वह सड़कों पर उतरकर तालिबान विरोधी नारे लगा रही हैं और युद्ध के मैदान में उसका सामना करने के लिए भी तैयार हैं. घोर स्थित महिला निदेशालय की प्रमुख Halima Parastish ने कहा कि कुछ महिलाएं सुरक्षा बलों को सिर्फ प्रतीकात्मक रूप से प्रेरित करना चाहती हैं, जबकि अधिकांश तालिबान से युद्ध के लिए भी तैयार हैं और मैं भी उनमें शामिल हूं. हमने गवर्नर से भी युद्ध में शामिल होने की इच्छा जताई है.
Taliban ने लागू किए कट्टर कानून
विदेशी सैनिकों की वापसी से तालिबान के हौसले बुलंद हो गए हैं. वह लगातार अफगान सेना पर भारी पड़ रहा है. महिलाओं को डर है कि यदि तालिबान पूरी तरह हावी हो गया, तो देश 20 साल पुराने दौर में पहुंच जाएगा जहां उन पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए थे. बता दें कि हाल ही में तालिबान ने अपने कब्जे वाले इलाकों में कट्टर कानून लागू करने का ऐलान किया है. जिसके तहत महिलाओं को अकेले घर से बाहर निकलने की आजादी नहीं है. साथ ही पुरुषों के लिए भी दाढ़ी रखने का फरमान जारी किया गया है.
‘हम बंदूक उठाने को मजबूर हैं’
20 वर्षीय एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘कोई भी महिला लड़ना नहीं चाहती, मैं सिर्फ अपनी शिक्षा जारी रखना चाहती हूं और हिंसा से दूर रहना चाहती हूं, लेकिन परिस्थितियों ने मुझे और अन्य महिलाओं इस हाल में लाकर खड़ा कर दिया है. हमारे पास तालिबान के खिलाफ बंदूक उठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. मैं नहीं चाहती कि देश ऐसे लोगों के नियंत्रण में आए, जो महिलाओं के साथ जानवरों जैसा बर्ताब करते हैं’.
कई Cities में हो रहे Protest
सोशल मीडिया पर ऐसी कई तस्वारें सामने आई हैं, जिनमें अफगान महिलाएं हाथों में हथियार और देश का झंडा लिए दिखाई दे रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी काबुल, फारयाब, हेरात और अन्य कई शहरों में महिलाओं ने सड़कों पर उतरकर तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन किया और युद्ध में शामिल होने की इच्छा जताई. गौरतलब है कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से ही तालिबान ने देश पर कब्जे का अभियान शुरू कर दिया है. अब तक वह कई महत्वपूर्ण इलाकों पर कब्जा जमा चुका है. अफगान सेना तालिबान के आगे बेबस नजर आ रही है.