सरकारी कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद निजी क्षेत्र की नौकरी करना गंभीर कदाचार : सीवीसी
नई दिल्ली. केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने गुरुवार को कहा कि सरकारी कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति के बाद अनिवार्य रूप से ‘शांत बैठने की अवधि’ पूरी किए बिना निजी क्षेत्र के संगठनों में नौकरी करना ‘गंभीर कदाचार’ है. आयोग ने अपने एक आदेश में यह भी कहा कि सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद नौकरी देने से पहले सभी सरकारी संगठनों को अनिवार्य रूप से सीवीसी की मंजूरी लेनी चाहिए.
रिटायरमेंट के तुरंत बाद प्राइवेट नौकरी गलत
सीवीसी ने केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को जारी आदेश में कहा, ‘यह देखा गया है कि कुछ अवसरों पर, सरकारी संगठनों से सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद सेवानिवृत्त अधिकारी निजी क्षेत्र के संगठनों में पूर्णकालिक नौकरी या संविदा पर काम कर रहे हैं.’
लोग करते हैं शर्तों का उल्लंघन, ये गलत
इसमें आगे कहा गया कि अक्सर इस तरह की पेशकश को स्वीकर करने से पहले संबंधित संगठनों के नियमों के तहत निर्धारित शांत बैठने की अवधि समाप्त होने का इंतजार भी नहीं किया जाता. आयोग ने कहा, ‘सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी अधिकारियों द्वारा तय शर्तों का पालन किये बिना पेशकश को स्वीकार करना, उनकी ओर से एक गंभीर कदाचार है.’
कूलिंग ऑफ पीरियड पूरा किया जाए
आदेश में कहा गया कि सभी सरकारी संगठनों को अपने कर्मचारियों के लिए उचित नियम और दिशानिर्देश तैयार करने चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कर्मचारियों द्वारा सेवानिवृत्ति के बाद निजी क्षेत्र की संस्थाओं के किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार करने से पहले अनिवार्य रूप से ‘कूलिंग अवधि’ का पालन किया जाए.