US का दर्द बढ़ाने के लिए तालिबान का नया प्लान, 9/11 की बरसी पर शपथ लेगी अफगानिस्तान नई सरकार


काबुल. बंदूक के दम पर अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान (Taliban) अपनी अंतरिम सरकार का ऐलान कर चुका है और 11 सितंबर को शपथग्रहण हो सकता है. शपग्रहण के लिए भी तालिबान ने जो दिन चुना है उसे सुनकर हर कोई हैरान है, क्योंकि ये एक ऐसी तारीख जिस पर सिर्फ आतंकवाद की ही गर्व हो सकता है.

11 सितंबर अमेरिका को चुनौती?

11 सितंबर की ये तारीख सुपर पावर अमेरिका को एक चुनौती है, क्योंकि इस दिन तालिबान सरकार का शपथग्रहण अमेरिका के जख्म कुरेदने वाला हो सकता है. इसी दिन साल 2001 में अमेरिका स्थित विश्व व्यापार संगठन (WTO) के ट्विन टावर पर भीषण आतंकी हमला हुआ था और इस दिन तालिबान सरकार का गठन अमेरिका को सीधी चुनौती है.

शपथ ग्रहण समारोह के लिए इन देशों को निमंत्रण

रिपोर्टों के अनुसार, तालिबान की अंतरिम सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भारत और अमेरिका के अलावा चीन, तुर्की, पाकिस्तान, ईरान और कतर सहित विभिन्न देशों को निमंत्रण दिया गया है. तालिबान अपनी सरकार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता की मांग कर रहा है और उसने दूसरे देशों से अपने दूतावास फिर से खोलने के लिए भी कहा है.

तालिबान ने आतंकियों को बनाया मंत्री

मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद अफगानिस्तान का नया प्रधानमंत्री और अब्दुल गनी बरादर उप-प्रधानमंत्री होगा. तालिबान सरकार में कुल 33 मंत्रियों को शामिल किया गया है. इनमें से ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वॉन्टेंड हैं और उनके सिर पर इनाम भी हैं. अंतरिम प्रधानमंत्री मुल्ला हसन अखुंद पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगा रखा है. कार्यवाहक गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी एफबीआइ के वांछितों की सूची में शामिल हैं और उस पर एक करोड़ डॉलर यानी करीब 73 करोड़ रुपये का इनाम है. शरणार्थी मंत्री खलील हक्कानी पर 50 लाख डॉलर यानी करीब 36.5 करोड़ रुपये का इनाम है.

 

 

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