November 26, 2021
नाबालिग बालिका से बलात्संग के आरोपी को दस वर्ष का कठोर कारावास
टीकमगढ़. निर्णय की जानकारी देते हुए विशेष लोक अभियोजक/एडीपीओ नर्मदांजलि दुबे ने बताया कि फरियादी ने थाना मोहनगढ़ में इस आशय का लिखित आवेदन दिया कि उसकी लड़की (पीडि़ता) दिनांक 08/02/2017 को समय 10-11 बजे सुबह कपड़ा सिलवाने का कहकर गांव में गयी थी जो घर वापिस नहीं आई एवं रिश्तेदारी में तलाश करने पर भी लड़की (पीडि़ता) का कुछ पता नहीं चला, उसकी एक बच्ची गांव पूराकला में ब्याही है उसे शक है कि पूराकला का पड़ोस का उसका जेठ लगता है जिसका नाम रवि है जो पैर से विकलांग है एवं वैशाखी से चलता है, जो उसकी बच्ची को ले गया है। फरियादी के उक्त आवेदन के आधार पर थाना मोहनगढ़ में गुम इंसान सूचना लेख कर अपराध अंतर्गत धारा 363, 366 भा.दं.सं. पर लेखबद्ध कर मामला पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना दौरान पीडि़ता को दस्तयाब कर दस्तयाबी पंचनामा तैयार कर एवं मेडीकल परीक्षण कराये जाने हेतु सहमति ली जाकर चिकित्सीय परीक्षण कराया गया तथा अनुसंधान दौरान घटनास्थल का नक्शामौका तैयार किया जाकर साक्षीगण के कथन अंकित किये गये। आरोपी का रक्त सैंपल एफ.एस.एल सागर भेजा गया तथा डीएनए प्रोफाइल तैयार करने हेतु पहचान फार्म तैयार कर डीएनए परीक्षण हेतु भेजा गया। अनुसंधान पूर्ण होने के पश्चात् आरोपी के विरूद्ध माननीय न्यायालय के समक्ष धारा 363, 366, 376 भा.दं.सं. तथा धारा 5/6, ¾ पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत दंडनीय अपराध का विचारण किये जाने हेतु अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा संपूर्ण विचारण पश्चात् आरोपी द्वारा नाबालिग बालिका का व्यपहरण कारित कर उसे लगभग एक महीने तक अपने साथ रखकर निरंतर बलात्संग किया है तथा आरोपी द्वारा उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित करने के परिणामस्वरूप पीडि़ता गर्भवती भी रही है, वहां आरोपी के विरूद्ध प्रमाणित अपराध की परिस्थितियों को विचार में लेते हुये दिनांक 26/11/2021 को पारित अपने निर्णय में आरोपी रवि अहिरवार को धारा 363 भा.दं.वि. में 05 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5000/- (पांच हजार) रूपये के अर्थदण्ड, धारा 366 भा.दं.वि. में 07 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5000/- (पांच हजार) रूपये के अर्थदण्ड एवं धारा 376(2)(एन) भा.दं.वि. में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10000/- (दस हजार) रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी, श्री आर.सी. चतुर्वेदी, जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई।