युवाओं से नौकरी और रोजगार के अधिकार, छीन रही है भाजपा सरकार

रायपुर । भाजपा सरकारों पर युवाओं से नौकरी और रोजगार के अधिकार छीनने का आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा है कि सरकारी विभागों, सरकारी उपक्रमों और सरकार द्वारा नियंत्रत कंपनियों में लाखों की संख्या में पद रिक्त हैं लेकिन युवा विरोधी यह सरकार नई भर्तियां रोके रखी है। बढ़ती बेरोजगारी से निराश युवा आत्मघाती कदम उठाने मजबूर हैं, एनसीआरबी द्वारा जारी आत्महत्या के बढ़ते आंकड़े भयावह है। 1 लाख सरकारी नौकरी का वादा 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ में भाजपा ने किया था, मोदी की गारंटी के नाम पर 100 दिन के भीतर नियमितीकरण का वादा करके सरकार में आए, किया उल्टा, संविदाकर्मी, अनियमित और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियो को नौकरी से निकाले जा रहे। विद्या मितान, अतिथि शिक्षक, सफाई कर्मचारी, मध्याह्न भोजन रसोइयों को बड़ी संख्या में घर बिठा दिया गया। पंचायत सचिव, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एनएचएम कर्मचारी इस सरकार के वादाखिलाफी की सजा भोग रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा है कि केवल सरकारी नौकरी ही नहीं, प्राइवेट सेक्टर में भी छटनी लगातार जारी है। एक तरफ मोदी सरकार की पूंजीवादी नीतियों के चलते कॉरपोरेट का मुनाफा शिखर पर है लेकिन बड़ी कंपनियों में व्हाइट कॉलर रोजगार बढ़ने के बजाय लगातार घट रहा है। पिछले पांच वर्षों में यह संख्या आधी रह गई है, 11 साल पहले की तुलना में चौथाई के स्तर तक पहुंच गया है। कुल बेरोजगारों की संख्या में से दो तिहाई, शिक्षित युवा हैं। वर्षों की मेहनत और लाखों रुपए खर्च कर स्नातक की डिग्री लेने वाले युवाओं का सपना भाजपा की सरकारों ने चकनाचूर कर दिया है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के बजट में लगातार कटौती जारी है, छत्तीसगढ़ के लगभग 70 प्रतिशत गांव में मनरेगा अघोषित तौर पर बंद है, मजदूर शोषण के शिकार हैं, न उनके पास कोई काम है न इनकम, ऊपर से महंगाई बेलगाम। यही वजह है कि घरेलू बचत ऐतिहासिक तौर पर न्यूनतम और कर्ज उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा है कि प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना भी जमुला निकला भारत के सिर्फ 500 फर्मों में एक करोड़ इंटर्नशिप प्रदान करने का दावा था, लेकिन हकीकत यह है कि आवेदन करने वालों में से 5 प्रतिशत युवाओं को भी इंटर्नशिप नहीं मिल पा रहा है। बेरोजगारी दर के वास्तविक आंकड़े छुपाए जा रहे हैं, इस सरकार में सप्ताह में एक घंटा काम करने को भी रोजगार माना जा रहा है, बावजूद इसके बेरोजगारी आज ऐतिहासिक तौर पर शिखर पर है।