गोधन न्याय योजना की समीक्षा की कलेक्टर ने, जैविक खाद की बिक्री बढ़ाने का निर्देश

बिलासपुर.  कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने आज गोधन न्याय योजना की समीक्षा की। उन्होंने गौठानों में उत्पादित जैविक खाद की बिक्री बढ़ाने के निर्देश दिये। मंथन सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने गौठानों में निर्मित खाद की बिक्री के लिये कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये और कहा कि ऐसे ग्रामों में जहां जैविक खाद सुलभ नहीं हो रहा है वहां ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से खाद की मांग प्राप्त करके खाद पहुंचाने की व्यवस्था बनायें। अभी खाद की बिक्री समितियों के माध्यम से हो रही है। विक्रय किये जाने वाले खाद की डाटा एंट्री भी नियमित रूप से करने के लिये कहा।  उन्होंने गौठानों में खरीदे जाने वाले गोबर को सुरक्षित रखने व शत-प्रतिशत गोबर को जैविक खाद बनाने के लिये व्यवस्था सुनिश्चित करने कहा। गोबर खरीदी की समीक्षा करते हुए उन्होंने खरीदी कार्य सतत् रूप से जारी रखने का निर्देश दिया।उन्होंने खाद बिक्री के बाद स्व-सहायता समूहों को प्राप्त लाभांश की जानकारी ली और निर्देशित किया कि समय पर इसका भुगतान किया जाये।  कलेक्टर ने गौठानों में चारागाह विकास की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि चारागाहों की देखभाल की जिम्मेदारी स्व-सहायता समूहों को दी जाये, जो गौठानों में खाद बनाने का काम कर रही हैं। उत्पादित चारे की बिक्री से उनकी आय भी होगी और समूह सशक्त भी होगा।  पशु पालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले में वर्तमान में 203 गौठानों में चारागाह का विकास किया गया है। इनमें से 144 चारागाहों में पशुओं को हरा चारा उपलब्ध कराने के लिये नेपियर घास व शेष में मक्का उगाया जा रहा है। कलेक्टर ने गौठानों में स्वीकृत चारागाहों का विकास प्राथमिकता से करने का निर्देश दिया। उन्होंने गौठानों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बुलाकर वृक्षारोपण करने के निर्देश दिये। विशेष रूप से कदम के पौधे लगाने कहा।  बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हैरिश एस. अपर कलेक्टर बी.एस. उइके, नगर निगम आयुक्त अजय त्रिपाठी, सभी जनपद पंचायतों के सीईओ एव नगरीय निकायों के सीएमओ एवं अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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