सिखने की कोई उम्र नहीं होती: पूजा तिवारी
खेल – खेल में बच्चों को दी जा रही शिक्षा
शासकीय प्राथमिक शाला तार बाहर और दहलीज फाउंडेशन का आयोजन
बिलासपुर. प्राथमिक शाला तारबाहर और समाजसेवी संस्था दहलीज फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में खेल खेल के माध्यम से बच्चों को शिक्षा में पारंगत किया जा रहा है । इस नई पहल के तहत बच्चों को केवल पाठ्यपुस्तक के ज्ञान के अलावा विभिन्न रोचक ढंग से एक्टिविटी करा कर शिक्षा दी जा रही है। दहलीज संस्था की संस्थापिका हिना खान ने बताया कि उनकी संस्था के 18 से 25 वर्ष की उम्र के सदस्य खुद पढ़ाई करने के साथ साथ समाज सेवा कर रहे हैं। ये सदस्य हर शनिवार स्कूल जाकर बच्चों को अलग अलग गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा देते हैं। स्कूल की प्रधान पाठक पूजा तिवारी ने इस अवसर पर कहा कि सिखने की कोई उम्र नहीं होती। इसकी शुरुआत कहीं से भी की जा सकती है। आदमी जिंदगी भर सीखता रहता है। ये बच्चे भी समाज के लिए प्रेरणा बनेंगे। पूजा तिवारी ने कहा कि स्कूल में क्रिकेट, बैडमिंटन और आउटडोर गेम्स होते रहते हैं। गेम्स के माध्यम से मैथ्स की पढ़ाई कराई जाती है और सामान्य ज्ञान की जानकारी दी जाती है । पूजा ने बताया कि दहलीज फाउंडेशन की ओर से कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों के लिए लाइब्रेरी की व्यवस्था की जा रही है जो 15 अगस्त से पहले शुरु कर दी जाएगी। कार्यक्रम में दहलीज फाउंडेशन की हिना खान व उनकी संस्था के सदस्य और शासकीय प्राथमिक शाला की प्रधान पाठिका पूजा तिवारी एवं उनका पूरा स्टॉफ उपस्थित था। इस अवसर पर बच्चों को आवश्यक स्टेशनरी सामग्री प्रदान की गई ।