दिन में पसरा रहता है सन्नाटा: रात होते ही गुलजार हो जाता है व्यापार विहार का रैन बसेरा

 शराबखोरी -अय्याशी व मारपीट की लिखित में की जा चुकी है शिकायत

बिलासपुर/ अनिश गंधर्व. दिन दुखियों और जरुरतमंदों के लिए व्यापार विहार में रैन का बसेरा बनाया गया है। यहां उन्नति क्षेत्रीय स्तर संघ को संचालन का जिम्मा दिया गया है। इस रैन बसेरा में जरुरतमंद लोगों को जगह नहीं दी जाती बल्कि आसामाजिक लोगों को प्रवेश दिया जाता है। इस संबंध में कलेक्टर, मुख्यमंत्री कार्यालय और नगर निगम में लोगों ने शिकायत भी की गई। किंतु जिम्मेदार लोगों ने रैन बसेरा चलाने वालों पर आज तक किसी भी प्रकार कार्रवाई नहीं की गई। बल्कि किए शिकायतों को रद्दी के टोकरी में डाल दिया गया है। प्रत्यक्षदर्शी लोगों का कहना है कि दिन में रैन बसेरा में कोई नहीं रहता रात होते ही आसामाजिक लोगों को प्रवेश दिया जाता है। रात होते ही मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया जाता है और बंद कमरों में शराबखोरी, गुण्डागर्दी, मारपीट व लड़कीबाजी की जाती है। जिसकी शिकायत भी समय समय पर की गई है।

कोई तीन साल पहले व्यापार विहार में रैन बसेरा बनाया गया। इसे संचालित करने के लिए उन्नति क्षेत्रीय स्तर संघ को जिम्मा सौंपा गया है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड, पुथपाथ में पड़े लोगों को यहां रखने की जिम्मेदारी संघ को है। लेकिन संचालन समिति द्वारा यहां पैसा लेकर लोगों को ठहराया जाता है। बाहर व्यक्ति को पांच से छह दिनों तक रूकने की व्यवस्था होती है लेकिन लोग महिनों से रह रहे हैं। कुल 100 लोगों को रहने सोने व खानी की व्यवस्था का हवाला देकर कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। मनमानी तरीके से संचालित हो रहे रैन बसेरा का दुरुपयोग किया जा रहा है।

नहीं हैं सुरक्षा के इंतजाम

व्यापार विहार स्थित रैन बसेरा में डॉक्टर किट, आगजनी से बचाव हेतु फायर सेफ्टी की व्यवस्था नहीं है। 100 लोगों के ठहरने की व्यवस्था में महज 30 लोगों का नाम रजिस्टर में दर्ज है। चौकीदार और प्रबंधक व उनके रिश्तेदारों द्वारा की जा रही मनमानी की शिकायत नामजद होने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

नहीं किया जाता प्रचार-प्रसार

रैन बसेरा में लोगों को दी जाने वाली सुविधा के लिए बस स्टैंड, रेलवे और अस्पतालों में जाकर प्रचार गाड़ी के माध्यम से लोगों को जागरुक करना होता है और उन्हें संचालक समिति द्वारा वाहन में लाकर शिफ्ट करने का नियम है। संचालक समिति द्वारा सारा कुछ व्यवस्थित होने का हवाला देकर नगर निगम हर माह राशि की वसूली की जा रही है।

रात में लगता है मजमा

रैन बसेरा का चौकीदार अपनी पत्नी के साथ यहीं निवास करता है। लोगों का आरोप है कि रात होते ही चौकीदार लड़कीबाजी व शराबखोरी करने वालों को प्रवेश देकर गेट बंद कर देता है। गेट में कोई वेल की व्यवस्था भी नहीं है। बाहर से दरवाजा खटखटाने पर भी कोई जवाब नहीं दिया जाता है। जबकि 24 घंटे रैन बसेरा का दरवाजा जरुरतमंदों के लिए खुला रहना चाहिए।

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