सलाह के बजाय सहयोग की भावना होनी चाहिए : साध्वी दीदी मां ऋतुभंरा

चांपा. विपत्ति मे फंसे लोगों को सलाह देने के बजाय उनकी विपत्ति दूर करने हमें सहयोग प्रदान करना चाहिए । उक्त उदगार साध्वी दीदी मां ऋतुभंरा ने विद्यार्थी परिषद के पूर्व कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित परिवार प्रबोधन कार्यक्रम मे व्यक्त किए । उन्होंने सांप को देखकर चिड़ियों द्वारा झुंड के झुंड चीं ची करते हुए चिल्लाने का उदाहरण देते हुए कहा कि आज हिन्दू समाज की यही हालत है । हिन्दू होने की बात जोर शोर की जाती है पर हिन्दुत्व की रक्षा के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं होता । विद्यार्थी परिषद के पूर्व कार्यकर्ता अनंत थवाईत ने बताया कि इस परिवार प्रबोधन कार्यक्रम में साध्वी दीदी मां ऋतुभंरा जी ने चिड़िया द्वारा समुद्र सुखाने की कोशिश करना,घोड़े गुम होने पर भी घुड़सवार द्वारा खुशी खुशी लड्डू बांटना, सांप के डर से चिड़ियों का एक साथ चिल्लाना, आदिवासियों द्वारा अपने घर के आम पेड़ के फल को दो तीन साल तक न खाना और पेड़ों के बीच सांकेतिक विवाह रचाना जैसे जीवन दर्शन से जुड़े अनेक प्रसंगों के माध्यम से धर्म कर्म के प्रति सजग रहने की बात करते हुए विद्यार्थी परिषद के पूर्व कार्यकर्ताओं को आशीर्वाद प्रदान किया । उनके उद्बोधन के मुख्य अंश का आशय कुछ इस प्रकार रहा..
पुराने मित्रों का मिलना आपस मे चर्चा करना आनंददायी क्षण होता है तोड़ना विषाद है और बांटना प्रसाद सलाह नहीं सहयोग की आवश्यकता
समस्या के लिए समुह के साथ  चिल्लाना नहीं बल्कि समस्या का निदान करना चाहिए। राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए।
खुशी बांटने से खुशी मिलती है अत: खोने का दुख नहीं करना चाहिए बल्कि अपने होने का खुशी मनाना चाहिए। परिवार को संस्कारित बनाएं हिन्दू समाज को संगठित करें। प्रकृति से जुड़े और विपदा की घड़ी मे एक दूसरे का सेवा भाव से सहयोग करें। चार जुलाई को आयोजित इस परिवार प्रबोधन कार्यक्रम की अध्यक्षता बिलासपुर के सांसद अरुण साव कर रहे थे । कार्यक्रम का संचालन बिलासपुर के सुब्रत चाकी एवं आभार प्रगट कोरबा की रिता चौरसिया ने किया । इस वर्चुअल कार्यक्रम मे चांपा से कार्तिकेश्वर स्वर्णकार, प्रदीप नामदेव, अनंत थवाईत तथा कौशलेश सिंह क्षत्रिय शामिल हुए ।

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