पाचन से लेकर पीठ दर्द का इलाज है ये आसन, चर्बी भी करता है कम, जानें करने की आसान विधि
योग शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रित करने में मदद करता है. इसलिए आज हम आपके लिए शलभासन के फायदे लेकर आए हैं. इसके नियमित अभ्यास से आप कई बीमारियों से बच सकते हैं. यह पीठ दर्द से राहत दिलाने के साथ पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करता है.
क्या है शलभासन
शलभासन एक संस्कृत भाषा का शब्द है, जो दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें पहले शब्द शलभ का अर्थ टिड्डे या कीट (Locust ) और दूसरा शब्द आसन का अर्थ होता है मुद्रा. मतलब टिड्डे के समान मुद्रा होना. इस आसन को अंग्रेजी में ग्रासहोपर पोज कहते हैं. इसके नियमित अभ्यास से आपकी रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है.
शलभासन करने का तरीका
- सबसे पहले आप किसी साफ स्थान पर चटाई बिछा कर उलटे पेट के बल लेट जाएं.
- आपकी पीठ ऊपर की ओर रहे और पेट नीचे जमीन पर रहे.
- दोनों पैरो को सीधा रखें और अपने पैर के पंजे को सीधे तथा ऊपर की ओर रखें.
- अपने दोनों हाथों को सीधा करें और उनको जांघों के नीचे दबा लें.
- यानी अपना दायां हाथ दायीं जांघ के नीचे और बायां हाथ बायीं जांघ के नीचे दबा लें.
- इस दौरान आप अपने सिर और मुंह को सीधा रखें.
- फिर अपने को सामान्य रखें और एक गहरी सांस अंदर की ओर लें.
- अपने दोनों पैरों को ऊपर की ओर उठाने की कोशिश करें.
- इस अभ्यास में आप नए हैं, तो पैरों को ऊपर करने के लिए अपने हाथों का सहारा ले सकते हैं.
- इस मुद्रा में कम से कम 20 सेकंड तक रहने की कोशिश करें.
- इसके बाद आप धीरे धीरे अपनी सांस को बाहर छोड़ते हुए पैरों को नीचे करते जाएं.
- दोबारा अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं. इस अभ्यास को 3-4 बार दोहराएं.
शलभासन के फायदे
- शलभासन वजन को कम करने के लिए एक अच्छी योग मुद्रा मानी जाती है.
- यह शरीर में चर्बी को खत्म करने में मदद करती है.
- शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए शलभासन एक अच्छी मुद्रा है.
- यह शरीर के हाथों, जांघों, पैरों और पिंडरी को मजबूत करता है.
- इसके साथ यह पेट की चर्बी को कम करके उसे सुंदर बनाता है.
- रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने के लिए शलभासन एक अच्छा योग है.
- पेट के पाचन तंत्र को ठीक करता करता है, जिससे पेट संबंधी बीमारियां नहीं होती हैं.
- यह कब्ज को ठीक करता है, शरीर में अम्ल और क्षार के संतुलन को बनाए रखता है.
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