अनंत चतुर्दशी पर बांध लें यह चमत्‍कारिक धागा, फिर आपको छू भी नहीं पाएगा कोई दुख-दर्द


नई दिल्‍ली. गणपति (Ganpati) की विदाई में अब कुछ ही घंटे ही बाकी हैं. भाद्रपद महीने के शुक्‍ल पक्ष की गणेश चतुर्थी पर विराजे गणपति 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) को विदा लेते हैं. इस साल अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi 2021) 19 सितंबर, रविवार को है. इस दिन भगवान विष्‍णु की पूजा की जाती है और अनंत सूत्र (Anant Sutra) बांधा जाता है. भगवान विष्‍णु (Lord Vishnu) के प्रिय शेषनाग का नाम अनंत है.

कहते हैं कि पांडव जब जुए में सब कुछ हार गए थे तो दोबारा राजपाट पाने के लिए भगवान श्रीकृष्‍ण ने उन्‍हें अनंत चतुर्दशी का व्रत करने के लिए कहा था. इसके अलावा मान्‍यता है कि भगवान विष्‍णु के इस रूप के ना तो आदि का पता है और ना ही अंत का, इसलिए उनके इस रूप की पूजा करने से सारे दुख-दर्द मिट जाते हैं.

अनंत चतुर्दशी पर बांधे अनंत सूत्र  

अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा करने के बाद अनंत सूत्र जरूर बांधना चाहिए. इस चमत्‍कारिक धागे में हर दुख-दर्द से निजात दिलाने की शक्ति होती है. अनंत सूत्र को बाजू पर बांधा जाता है. इसमें 14 गांठें लगाई जाती हैं. इसे पुरुषों के दाएं और महिलाओं के बाएं हाथ पर बांधा जाता है. पूरा फल पाने के लिए अनंत सूत्र को पूरे विधि-विधान से बांधना चाहिए.

– अनंत चतुर्दशी को कच्चे धागे में 14 गांठ लगाकर सबसे पहले उसे कच्चे दूध में डूबाते हैं. इसके बाद ॐ अनंताय नम: मंत्र जपते हुए भगवान‍ विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें. बाजार में भी गांठ लगे हुए अनंत सूत्र मिलते हैं, उनका भी उपयोग कर सकते हैं.

– ये 14 गांठें भगवान विष्‍णु के हर रूप का प्र‍तीक होती हैं. इस सूत्र को पहनने के बाद 14 दिन तक तामसिक भोजन नहीं किया जाता है. यानी कि नॉनवेज-शराब, लहसुन-प्‍याज न खाएं. साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करें.

– ऐसे लोग जो अपनी जिंदगी में सब कुछ खो चुके हैं, वे भी यदि इस सूत्र को विधि-विधान से धारण कर लें तो वे फिर से सब कुछ पा लेते हैं. यह सूत्र हर दुख-दर्द को दूर करके जिंदगी को खुशियों से भर देता है.

– संभव हो तो अनंत सूत्र धारण करने के दिन व्रत रखें और श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करें. इससे फल बढ़ जाता है और व्‍यक्ति को धन, सुख-समृद्धि-संतान सब कुछ मिलता है.

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