आज लगाया जाता है भगवान श्रीकृष्‍ण को 56 भोग, जानें गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

दिवाली पर मां लक्ष्‍मी की पूजा करने के बाद अगले दिन गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) की जाती है. इसी दिन अन्‍नकूट होता है. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्‍ण (Lord Shrikrishna), गोवर्धन पर्वत के साथ-साथ इंद्र देव, वरुण देव और अग्नि देव की भी पूजा की जाती है. आज के दिन भगवान कृष्‍ण को तरह-तरह के पकवानों का भोग लगाया जाता है और भक्‍तों का बांटा जाता है. इस दिन भगवान को 56 भोग (56 Bhog) अर्पित किए जाते हैं. मान्‍यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्‍ण ने अपनी एक उंगली पर पूरा गोवर्धन पर्वत उठाकर अपने गांव के निवासियों की इंद्र देव से रक्षा की थी. आज (5 नवंबर 2021, शुक्रवार) को यह पूजा की जाएगी.

तोड़ा था इंद्र देव का अहंकार 

भगवान श्रीकृष्‍ण ने एक उंगली से गोवर्धन पर्वत को उठाकर इंद्र देव का अहंकार चूर-चूर कर दिया था. दरअसल, इंद्र देव ने अहंकार में आकर गोकुल ग्राम में खूब बारिश की थी. आंधी-तूफान से अपनी जान बचाने के लिए गोकुल वासी इधर-उधर भाग रहे थे. तब कृष्‍ण ने अपनी सबसे छोटी उंगली से पूरा गिरिराज पर्वत उठा लिया था. इसके बाद गोकुलवासियों ने इस पर्वत के नीचे ही शरण ली थी. तब से ही गोवर्धन पूजा की पृथा चली आ रही है. इस दिन घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर उसकी पूजा की जाती है. साथ ही कृष्‍ण मंदिरों में अन्‍नकूट होता है.

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त 

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त (Govardhan Puja 2021 Shubh Muhurat) सुबह 06: 35 से 08: 47 तक रहेगा. वहीं दोपहर को 03:21 से शाम 05:33 तक शुभ मुहूर्त होगा.

ऐसे करें पूजा 

गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत के अलावा गाय, बैल, भैंस, भगवान विश्वकर्मा और श्रीकृष्‍ण की भी पूजा की जाती है. इसके लिए घर के सामने गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर उसे फूलों से सजाते हैं. धूप-दीप, जल अर्पित किया जाता है. फिर मिट्टी के दीये दूध, दही, गंगाजल, शहद, बताशे डालकर गोवर्धन पर्वत को अर्पित किये जाते हैं. खेती में काम आने वाले पशुओं को सजाकर उनकी पूजा की जाती है. गोवर्धन पूजा की कथा पढ़कर गोवर्धन की 7 परिक्रमा लगाते हैं. भगवान श्रीकृष्‍ण को 56 भोग लगाते हैं.

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