तोखन साहू उस संस्था की उपज है ,जिस संस्था ने कभी अपने कार्यालय में तिरंगा नही फहराया- अभय नारायण राय
बिलासपुर. कांग्रेस के 14 अगस्त को प्रस्तावित संविधान यात्रा को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू के बयान पर कांग्रेस ने पलट वार करते हुए कहा कि तोखन साहू उस संस्था की उपज है ,जिस संस्था ने कभी अपने कार्यालय में तिरंगा नही फहराया और जब देश 15 अगस्त 1947 को आज़ादी की जश्न मना रहा था तब आरएसएस के लोग तिरंगे को पैरों तले कुचल रहे थे , कांग्रेस ने कहा कि माननीय तोखन साहू बताए कि आरएसएस कार्यालय में तिरंगा स्वेच्छा से कब से फहरा रहे है? सर्वोच्च न्यायालय के एक निर्णय के बाद आरएसएस कार्यालय में तिरंगा फहराया जाता है ,कांग्रेस ने प्रति प्रश्न करते हुए पूछा कि आरएसएस कार्यालय में क्या 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडारोहण और जश्न मनाया जाता है?
कांग्रेस ने कहा जो तिरंगा के विरोध में दु रँगा की झंडा फहरा रहे थे ,जो 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध कर रहे थे ,जिनके नेता आज़ादी को कुचलने के लिए अंग्रेजो को पत्र लिख रहा था ,वो आज कांग्रेस की संविधान यात्रा पर प्रश्न उठा रहे है,
माननीय मंत्री को अपने अतीत को भी झांक कर देखा चाहिए कि 15 अगस्त 1947 के पूर्व आज़ादी की लड़ाई में आप लोगो की क्या भूमिका रही है?
कांग्रेस ने आज़ादी की लंबी लड़ाई लड़ी है ,जिसे पूरा विश्व जानता है, इसलिए कांग्रेस देश की जनता के अधिकारों के लेकर चिंतित रहती है ,अभी विगत 10 वर्षों में जो घटनाये की जा रही है वह स्वस्थ लोक तन्त्र के अनुकूल नही है, लोक तन्त्र तभी बचेगा जब केंद्र सरकार संविधान में प्रदत्त अधिकारों के अनुरूप शासन चलायेगी ,तभी गरीब, मजदूर, महिला, दलित, आदिवासी, मध्यम वर्ग,निम्न वर्गो को उनका अधिकार मिलेगा ,पर आज किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के अंदर नही आ सकते उनके मार्ग पर कील ठोक दी जा रही है, देश की महिला पहलवानो को अपनी इज्जत के लिए सड़क पर प्रदर्शन करना पड़ रहा है फिर दोषी पर कार्यवाही नही होती, विपक्ष के नेताओ को केंद्रीय एजेंसीज के माध्यम से जेल में डाला जा रहा है ,पत्रकारों की कलम थम सी गई है ऐसे विकट स्थिति में जिसने आज़ादी दिलाई उसकी जिम्मेदारी है को चरितार्थ करते हुए कांग्रेस ने संविधान यात्रा निकाल रही है जिसमे भी भाजपा को दर्द हो रहा है।