भारत-पाकिस्तान के दो नेताओं ने सैन्य संघर्ष रोकने का ‘निर्णय’ लिया था : ट्रंप

न्यूयॉर्क/वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के दो ‘‘बहुत समझदार” नेताओं ने एक ऐसे युद्ध को रोकने का ‘‘निर्णय” लिया जो परमाणु युद्ध में बदल सकता था। पिछले कुछ हफ्तों में यह पहली बार है जब ट्रंप ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच संघर्ष रोकने का श्रेय खुद नहीं लिया है।

गौरतलब है कि ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कनाडा के कनैनिस्किस में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात करने का कार्यक्रम था लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति को इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष के कारण समय से पहले वाशिंगटन लौटना पड़ा, जिसके कारण उनकी मोदी से मुलाकात नहीं हो पायी। हालांकि, दोनों नेताओं ने फोन पर बातचीत की।

ट्रंप ने कहा, ‘‘वे दोनों (मोदी और मुनीर) यहां थे लेकिन कुछ सप्ताह पहले मैं मोदी के साथ था। मैं बहुत खुश हूं कि दो बहुत समझदार नेताओं ने युद्ध आगे न बढ़ाने का फैसला किया। यह परमाणु युद्ध में बदल सकता था। वे दो परमाणु संपन्न देश, बहुत बड़ी परमाणु शक्तियां हैं और उन्होंने यह फैसला लिया।” भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में आतंकवादी बुनियादी ढांचा नष्ट किया था और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था। इसके बाद यह पहली बार है जब ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष रोकने का श्रेय नहीं लिया है।

भारत और पाकिस्तान के 10 मई को सैन्य संघर्ष रोकने का फैसला लेने के बाद से ट्रंप कई मौकों पर यह दावा करते रहे हैं कि उन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव ‘‘रोकने में मदद की” और उन्होंने दोनों परमाणु संपन्न दक्षिण एशियाई देशों से कहा था कि अगर वे संघर्ष रोकते हैं तो अमेरिका उनके साथ ‘‘बहुत व्यापार” करेगा। इस्लामाबाद में पाकिस्तानी सेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के साथ विदेश मंत्री सीनेटर मार्को रुबियो और पश्चिम एशिया मामलों के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ भी थे। सेना ने एक बयान में बताया कि मुनीर के साथ पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मलिक भी थे जो खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख भी है। बैठक पहले एक घंटे के लिए तय हुई थी लेकिन यह दो घंटे से अधिक समय तक चली।

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