जिले में धीमी गति से चल रहा टीकाकरण अभियान, जन जीवन पर मंडरा रहा खतरा


बिलासपुर/अनिश गंधर्व. शहर के टीकाकरण केन्द्रों में सोमवार को वैक्सीन दोपहर बाद पहुंचा। सुबह से ही सरकारी अस्पतालों में लोग टीका लगवाने पहुंचे थे किंतु वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने के कारण अधिकांश लोग बिना इंजेक्शन लगवाये ही लौट गये। केन्द्र व राज्य शासन के संयुक्त प्रयास से इन दिनों 45 वर्ष पार कर चुके लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है रविवार को भी टीकाकरण केन्द्रों में वैक्सीन की कमी हो गई जिसके चलते अधिकांश लोग मायूस होकर वापस लौट गये। सोमवार सुबह से ही लोग टीका लगवाने पहुंचे लेकिन वैक्सीन रायपुर से सीएमएचओ कार्यालय नहीं पहुंचा था दोपहर बाद टीकाकरण अभियान चलाया गया। दस दिनों बाद अवकाश से लौटे मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रमोद महाजन ने बताया कि पांच दिनों के लिए एक लाख वैक्सीन मंगाये गये थे लेकिन 15 हजार वैक्सीन रायपुर से आया है। जिले में धीमी गति से चल रहे टीकाकरण अभियान से जन जीवन संकट में पड़ गया है। राष्ट्रीय महामारी को रोकने ठोस इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। इधर कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है रोजाना मौतें भी हो रही है।


जिला अस्पताल में आज सुबह से ही लोग टीका लगवाने पहुंचे थे लेकिन दोपहर एक बजे तक वैक्सीन की व्यवस्था नहीं हो पाई थी। जिला अस्पताल के अधिकारी कर्मचारी ज्यादातर लोगों को कल आने को कह रहे थे। इधर शहरी स्वास्थ्य केन्द्र गांधी चौक में भी कर्मचारी वैक्सीन का इंतजार करते बैठे रहे। मालूम हो कि लोगों में इन दिनों टीकाकरण को लेकर खासा उत्साह बना हुआ है। 45 वर्ष पार कर चुके लोगों को अस्पतालों में वैक्सीन का डोज दिया जा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि एक ओर वायरस पँर पसार रहा है तो दूसरी ओर वैक्सीन की कमी हो रही है ऐसे में जन जीवन पर मंडराने वाले खतरे के लिए कौन जिम्मेदार है। शासन प्रशासन द्वारा हर स्तर पर प्रचार-प्रसार कर लोगों को टीकाकरण करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है लेकिन अस्पतालों में वैक्सीन की कमी बनी हुई है।

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