VIDEO : वाह रे नगर निगम बिलासपुर तेरा भी जवाब नहीं, ठेकेदार को लाभ पहुंचाने अपने ही दामन में लगा लिया दाग..!


बिलासपुर/अनीश गंधर्व. नगर निगम के आला अधिकारियों की काली करतूत एक बार फिर से लोगों के सामने आ गई है। गोंडपारा नदी किनारे वर्षाे पुराने मुन्नू लाल शुक्ल स्कूल भवन को तोडऩे एक ओर नगर निगम के अधिकारियों ने आदेश दे दिया तो वहीं दूसरी ओर ठेकेदार को लाभ पहुंचाने स्कूल भवन की मरम्मत और शेड निर्माण भी करा दिया गया। अब आम जनता में आक्रोश को देखते हुए नगर निगम के अधिकारियों द्वारा स्कूल भवन में लगाए शेड को निकालने के बाद तोडफ़ोड़ की कार्रवाई करने बात कही जा रही है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि स्कूल सरकारी जमीन पर बनी है इसे जब चाहे तोड़ा जा सकता है लेकिन एक ओर नोटिस जारी किया गया तो दूसरी ओर स्कूल परिसर में निर्माण चलता रहा। निगम के अधिकारियों द्वारा की गई हरकत की शहरवासी जमकर निंदा कर रहे हैं।


अरपा को संरक्षित करने नदी के दोनों ओर सड़कों का निर्माण किया जाना है ताकि नदी में हर समय पानी व हरियाली रहे। इस योजना के अंतर्गत नदी किनारे वर्षों पहले लोगों के मकानों को खाली कराकर एक्सीवेटर से तोडफ़ोड़ की कार्रवाई शुरू की गई। इस दौरान आरा मिल संचालकों व लोगों के बीच जोरदार बहस भी हुई। अपना आशियान उजड़ते लोग अपनी आंखों से देखते रहे। तोडफ़ोड़ की कार्रवाई में मुन्नू लाल शुक्ल स्कूल को ढहाया जाना है। इसके बावजूद नगर निगम द्वारा स्कूल परिसर में निर्माण कार्य करवाकर अपने ही दामन में दाग लगा लिया गया। निगम के द्वारा की जा रही कार्रवाई का चारों ओर जोर शोर से विरोध हो रहा है। सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के नेताओं को भी निगम की इस हरकत के कारण लोग कोस रहे हैं। तोडफ़ोड़ कर बिना व्यवस्था बनाए लोगों को बहतराई स्थित अटल आवास में भेजा जा रहा है जहां लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को पानी, बिजली की समस्या के साथ साथ जर्जर मकान में रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

ठेकेदार को लाभ पहुंचाने बनाई योजना

नगर निगम के अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच गहरी सांठगांठ है। क्योंकि ये ठेकेदार अधिकारियों का मुंह समय समय पर पैसे से बंद करा देते हैं। मुन्नू लाल शुक्ल स्कूल को तोड़ा जाना था इस फेर में ठेकेदार का भुगतान रूक जाता है इसलिए निगम के अधिकारियों ने ठेकेदार से मिलकर आनन-फानन में निर्माण कार्य करा दिया। इसके बाद खुद ही एक्सीवेटर लेकर वहां तोडफ़ोड़ करने पहुंच गए। जिला प्रशासन के अधिकारियों को गौर करना होगा कि जब स्कूल को तोड़ा जाना था तो किसके कहने पर यहां रंग-रोगन, जीर्णोद्वार और शेड निर्माण का कार्य हफ्ते भर पहले कराया गया, जो जांच विषय बन गया है।

हेड मास्टर ने खाली कराया सामान

मुन्नू लाल शुक्ल स्कूल के हेड मास्टर यादव सर को नगर निगम के अधिकारियों द्वारा शनिवार साढ़े चार बजे नोटिस थमा दिया गया और कहा गया कि सरकारी जमीन पर स्कूल है हम जब चाहे तोडफ़ोड़ की कार्रवाई कर सकते हैं। इसके बाद हेड मास्टर ने स्कूल में रखा सारा सामाना पं. देवकीनंदन दीक्षत स्कूल में रखवा दिया है।

अंग्रेजों ने कराया था निर्माण

गोंडपारा के जानकार लोगों का कहना है कि मुन्नू लाल शुक्ल स्कूल का निर्माण अंग्रेजों ने कराया था। इस समय स्कूल का नाम पुत्रीशाला (कन्याशाला) रखा गया था। आजादी के बाद नगर पालिक बिलासपुर ने स्कूल नाम मुन्नू लाल शुक्ल के नाम कर दिया।

कौन थे मुन्नू लाल शुक्ल

मुन्नू लाल शुक्ल आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वे समाजसेवी भी थे। नगर पालिका बिलासपुर के प्रथम उपाध्यक्ष भी उन्हें बनाया गया था। बाद में स्थानीय प्रशासन ने कन्या शाला स्कूल को मुन्नू लाल शुक्ल के नाम पर रख दिया। अरपा सौंदर्यी करण के साथ मुन्नू लाल शुक्ल स्कूल का नाम अब इतिहास में दर्ज हो जाएगा।

कांग्रेसी नेताओं को सुननी पड़ रही खरी-खोटी : महेश

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव महेश दुबे (टाटा) महराज ने कहा कि नगर निगम बिलासपुर के अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई का सबसे ज्यादा खामियाजा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को भुगतना पड़ा है। बिना व्यवस्था बनाये निगम द्वारा की गई तोडफ़ोड़ की कार्रवाई के चलते कांग्रेसी नेताओं को भी खरी-खोटी सुननी पड़ रही है। उन्होंने कहा प्रशासनिक अधिकारी मनमानी पर उतर आये हैं बिना जनप्रतिनिधियों से चर्चा किए कार्रवाई कर रहे हैं।

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