VIDEO : न्यूनतम वेतन की मांग करने वाले 250 श्रमिकों को काम से निकाल दिया गया
बिलासपुर/अनिश गंधर्व. गुरूघासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय कोनी में आईडियाज कंपनी में ठेका दर पर काम करने वाले 250 कर्मचारियों ने न्यूनतम वेतन की मांग तो ठेकेदार ने उन्हें काम से बाहर निकाल दिया और उनका दो माह का वेतन भी रोक लिया गया। केन्द्रीय विवि के आंखों के सामने यह सब होता रहा। काम से निकाले गये सफाई कर्मी, माली व गार्ड सभी मिलकर कलेक्टर कार्यालय में प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है।
काम से बाहर निकाले गये कर्मचारियों ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि न्यूनतम वेतन 11000 रूपये की दर से भुगतान नहीं किया जा रहा था उन्हें 6500 रूपये भुगतान किया जाता था। गार्ड के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों को भी 15000 रूपये के बजाये 1050 रूपये भुगतान किया जा रहा था। फर्जी एडवांस बनाया जा रहा था, एडवांस राशि बैंक में नहीं दी जा रही थी। यह सब पांच वर्षों से चला आ रहा है इस खेल में श्रम विभाग के अधिकारी और गुरूघासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रजिस्टार की गहरी भूमिका है। श्रमिकों ने बताया कि हर माह 14 लाख रूपये का घोटाला सरेआम किया गया। इस घपले बाजी की रिपोर्ट जब इन ठेका कर्मचारियों ने कोनी थाने में दर्ज कराई तो ठेकेदार को जेल भेजा गया किन्तु रजिस्टार पर कार्यवाही नहीं की गई। रजिस्टार ने ठेका समाप्त करते हुए नये ठेकेदार को काम सौंप दिया नये ठेकेदार द्वारा 40 से 50 हजार रूपये लेकर नया भर्ती किया गया है। यहां अभी ठेका कर्मचारियों का वेतन काटा जा रहा है। जो लोग सालों से काम कर रहे थे उन्हें काम से हाथ धोना पड़ा है। प्रधानमंत्री के नाम सौंपे गये ज्ञापन में काम से निकाले गये श्रमिकों ने मामले की उचित जांच और काम पर रखे जाने की मांग की है।
वेलकम डिस्टलरी में भी श्रमिकों के वेतन पर डाला रहा है डाका
वेलकम डिस्टलरी छेरकाबांधा कोटा में 600 से अधिक श्रमिक 25 सालों से कार्यरत हैं। यहां 200 से अधिक श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी 380 रूपये की दर से भुगतान करने के बजाये मात्र 200, 220, 250, 300, की दर से भुगतान किया जा रहा है। वहीं इन कर्मचारियों को बीमा का लाभ नहीं दिया जा रहा है तथा भविष्यनिधि की राशि गबन की जा रही है। बैंक में वेतन भुगतान करने के बजाये कम मजदूरी नगद भुगतान की जा रही है।