मणिपुर में हिंसा राहुल का काफिला रोका

नयी दिल्ली. हिंसाग्रस्त मणिपुर के मामले में सियासत गरमा गयी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी बृहस्पतिवार को राज्य के चुराचांदपुर के लिए गए। राहुल के काफिले को राज्य की राजधानी से लगभग 20 किलोमीटर दूर बिष्णुपुर में पुलिस ने रोक दिया था। उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच हेलीकॉप्टर से भेजा गया। राहुल ने ट्वीट किया, ‘मैं मणिपुर के अपने सभी भाइयों-बहनों को सुनने आया हूं। दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार मुझे रोक रही है। मणिपुर को मरहम की जरूरत है। शांति हमारी एकमात्र प्राथमिकता होनी चाहिए।’ बाद में राहुल चुराचांदपुर के राहत शिविरों में गए और लोगों से बातचीत की। इन राहत शिविरों में लगभग 200 लोग रह रहे हैं।

राहुल को रोके जाने के बीच, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, ‘डबल इंजन वाली विनाशकारी सरकारें राहुल गांधी की लोगों तक पहुंच को रोकने के लिए निरंकुश तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। मणिपुर को शांति की जरूरत है, टकराव की नहीं।’ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र ने आरोप लगाया कि राहुल के काफिले को रोकने का आदेश मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की ओर से आया था। उधर, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘राहुल गांधी की यात्रा के भारी विरोध को देखते हुए प्रशासन ने राहुल से हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर जाने का अनुरोध किया।’ उन्होंने कहा, ‘क्षुद्र राजनीतिक लाभ के लिए अड़ियल रवैया अपनाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि संवेदनशीलता से स्थिति को समझा जाये।’ उन्होंने कहा, ‘आज फिर साबित हो गया कि राहुल और जिम्मेदारी कभी साथ-साथ नहीं चलते।’ पात्रा ने कहा कि मणिपुर में 13 जून के बाद से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन बहुत दुख की बात है … आज एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं हाथ जोड़कर अनुरोध करना चाहता हूं… मणिपुर में स्थिति नियंत्रण में आ रही है। हमें तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए नहीं लड़ना चाहिए।’

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