दिमाग के लिए क्यों फायदेमंद है कम बोलना और ज्यादा सुनना? जानें यहां
हमारे बुजुर्गों की बातों को पूरी दुनिया अपना रही है. बुजुर्गों से आपने काफी सुना होगा कि हमें कम बोलना चाहिए और ज्यादा सुनना चाहिए. उनकी हर सलाह की तरह इस सालह में भी दम है. कम बोलना और ज्यादा सुनना आपके दिमाग के लिए काफी फायदेमंद है. क्योंकि, इससे मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. अब आप सोच रहे होंगे कि कम बोलने और मानसिक स्वास्थ्य के बीच क्या संबंध है. तो नीचे पढ़ना ना भूलें.
कम बोलना और ज्यादा सुनना कैसे फायदेमंद है?
कम बोलने और ज्यादा सुनने से निम्नलिखित फायदे मिलते हैं. जिससे जीवनशैली की सबसे बड़ी समस्या तनाव कम होने लगता है.
- कम बोलने और ज्यादा सुनने के कारण आपका ध्यान दूसरों की बातों पर ज्यादा होता है. जिससे आपको कुछ नया जानने को मिल सकता है और ज्ञान बढ़ता है. ये ज्ञान की बातें मुसीबत के समय काफी फायदेमंद साबित हो सकती हैं.
- जो लोग बोलते रहते हैं, वो अज्ञानता के कारण काफी कुछ बेकार और गलत बोल जाते हैं. जिससे लोग उन्हें मूर्ख समझने लगते हैं या लोगों के सामने उनकी ऐसी छवि बन जाती है. यह छवि बाद में तनाव का कारण बन सकती है.
- जो लोग बड़बोले होते हैं, वो अक्सर ऐसा कुछ बोल जाते हैं जो नहीं बोलना होता. इसके बाद उन्हें अपने बड़बोलेपन पर पछतावा होता है. कई बार वह ऐसे सीक्रेट्स उजागर कर देते हैं, जो उनके लिए परेशानी का कारण बन जाता है.
- जो लोग सिर्फ अपना बोलते रहते हैं, उनसे लोग पक जाते हैं. जिसके कारण उनसे मिलना और बातें करना कुछ लोगों के लिए बोरियत भरा हो सकता है. क्योंकि, लोगों को ऐसे इंसान के पास बैठना पसंद होता है, जो बोलने के साथ उनकी बातें भी सुनें.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.