आंगनबाड़ी केन्द्रों में बनाये गये सुपोषण वाटिका


बिलासपुर. राष्ट्रीय पोषण माह अंतर्गत प्रतिदिन विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही है। जिसके तहत आज जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में सुपोषण वाटिका का निर्माण किया गया और जिन केन्द्रों में पूर्व में वाटिकाएं बनायी गयी है उनके विकास के लिये गतिविधियां की गयी।
कुपोषण से लड़ने के लिए पौष्टिक आहार सर्वाधिक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पौष्टिक आहार में भी हरी पत्तेदार सब्जियां एवं फल अति आवश्यक तत्व है। हरे पत्तेदार सब्जियों की आपूर्ति स्थानीय उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से सतत् करने के लिए ही पोषण अभियान में सुपोषण वाटिका के निर्माण को प्रमुखता दी गयी है।

 

 

आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से वर्ष भर 03 से 06 वर्ष के बच्चों एवं गर्भवती माताओं को गरम भोजन प्रदाय किया जाता है। गरम भोजन में चावल, दाल, रोटी तथा सब्जी दी जाती है। साल के 12 महीनों में सब्जी की उपलब्धता बनी रहे एवं स्वाद तथा पोषण की पूर्ति होती रहे इसके लिए पोषण वाटिकाओं का विकास कर उसमें स्थानीय साग भाजी उगाई जाती है।

 

 

जिले में पूरे वर्ष भर उपलब्ध होने वाली साग भाजी जैसे लाल भाजी, पालक भाजी, मेथी भाजी, धनिया आदि तथा मुनगा, पपीता, अमरूद, आम, केला, आदि का रोपण आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका बनाकर किया गया है। इसके लिये उद्यानिकी विभाग द्वारा साग-सब्जियों के पौधे एवं बीज उपलब्ध कराये गये हैं। जिले 08 परियोजनाओं के यथासंभव सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में तथा हितग्राहियों के घरों में सुपोषण वाटिका का विकास किया जा रहा है। ताकि आंगनबाड़ी के हितग्राही बच्चों, गर्भवती, शिशुवती माताओं के भोजन में पर्याप्त पोषण को बनाये रखा जा सके।

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