आज होगा प्रणब मुखर्जी का अंतिम संस्कार, 12 बजे तक से कर सकेंगे अंतिम दर्शन
नई दिल्ली. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (84) का सोमवार को निधन हो गया. वह 10 अगस्त से अस्पताल में भर्ती थे. उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा. उससे पहले अंतिम दर्शन सुबह नौ बजे से 10 राजाजी मार्ग स्थित आवास पर किया जा सकेगा. कोरोना काल को देखते हुए सामाजिक दूरी समेत सभी जरूरी प्रोटोकॉल का ख्याल रखा जाएगा. सुबह सवा 9 बजे से गणमान्य व्यक्तियों द्वारा श्रद्धांजलि दी जाएगी. आम जनता 11-12 बजे के बीच अंतिम दर्शन कर सकेगी.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. प्रणब मुखर्जी का सोमवार को दिल्ली के आर्मी रिसर्च और रेफरल अस्पताल में निधन हो गया. इस बात की जानकारी उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर दी. प्रणब लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे. वह 2012 से 2017 तक भारत के तेरहवें राष्ट्रपति रहे. प्रणब मुखर्जी को 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. प्रणब दादा का जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के मिरिटी गांव में हुआ था.
प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन को आम जनता के लिए सुलभ बनाया : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है. प्रधानमंत्री ने प्रणब मुखर्जी के साथ अपनी तस्वीरें ट्वीट कर उनको श्रद्धांजलि दी है. प्रधानमंत्री ने उनसे मिली सलाहों को यादगार बताया है. प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन पर पूरा भारत शोकाकुल है. उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है. वह एक उत्कृष्ट विद्वान और राजनीतिज्ञ थे. समाज के सभी वर्गों और राजनीतिक वर्ग में उनकी प्रशंसा होती थी.
प्रधानमंत्री ने कहा, दशकों के अपने राजनीतिक जीवन के दौरान, प्रणब मुखर्जी ने प्रमुख आर्थिक और रणनीतिक मंत्रालयों में लंबे तक योगदान दिया. वह एक उत्कृष्ट सांसद थे. हमेशा अच्छी तरह से तैयार, बेहद मुखर और साथ ही विनोदप्रिय भी.”
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रणब मुखर्जी को जनता का राष्ट्रपति बताया. उन्होंने कहा, भारत के राष्ट्रपति के रूप में, प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन को आम नागरिकों के लिए और भी सुलभ बनाया. उन्होंने राष्ट्रपति आवास को सीखने, नवाचार, संस्कृति, विज्ञान और साहित्य का केंद्र बनाया. प्रमुख नीतिगत मामलों पर उनकी बुद्धिमान सलाह मेरे द्वारा कभी भुलाई नहीं जाएगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने संस्मरण बताते हुए कहा, मैं 2014 में दिल्ली में नया था. पहले दिन से ही मुझे प्रणब मुखर्जी का मार्गदर्शन, समर्थन और आशीर्वाद मिला. मैं हमेशा उनके साथ अपनी बातचीत को संजोता रहूंगा.