गायों की मौत पर सरकार कर रही लीपापोती : धरमलाल कौशिक


बिलासपुर. मेड़पार में 54 गायों की मौत के बाद राजनीति गरमा गई है। विपक्ष भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को किसी भी कीमत पर हाथ से नहीं जाने देना चाहती। इस मामले में राज्य सरकार के साथ गौ सेवा आयोग को घेरते हुए सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के नेता मेड़ पार ग्रामीणों से मुलाकात करने पहुंचे थे। जहां ग्रामीणों से विस्तार से चर्चा के बाद शाम को सांसद अरुण साव के नेहरू चौक स्थित निवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पत्रकारों को दिनभर की गतिविधि की जानकारी दी गई ।नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि मेड़पार में षड़यंत्र पूर्वक 54 गौवंश की हत्या की गई है और अब सरकार इसका ठीकरा स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पंच सरपंच और सचिव पर फोड़ रही है ।उन्होंने इस संबंध में राज्य गांव आयोग के अध्यक्ष महंत राम सुंदर दास के बयान को भी बेहद दुखद बताया ।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा गया कि वर्तमान में इसकी जांच जारी है और जांच रिपोर्ट के बिना ही जिस तरह राज्य गौ निगम के अध्यक्ष ने सरकार को क्लीन चिट दे दी वह हैरानी पैदा करती है। इससे लगता है जैसे राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बचने का प्रयास कर रही है। इस संबंध में गठित जांच दल पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं क्योंकि इसमें एक भी जनप्रतिनिधि शामिल नहीं है। इसलिए कहा जा रहा है कि अधिकारियों की टीम सरकार के इशारे पर काम करेगी, इसलिए जांच दल में जनप्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग के साथ प्रति मवेशी एक लाख रुपये मुआवजे की भी मांग की जा रही है। यहां मौजूद भाजपा नेताओं ने कहा कि मेड़पार में दम घुटने से हुई गायों की मौत के बाद पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल है और ग्रामीण खाना तक नहीं खा रहे ।उन्होंने बताया कि सोमवार को जब ग्रामीणों से मिलने पहुंचे तो गायों की मौत की चर्चा करने पर उनके आंसू छलक आए। इस प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, सांसद अरुण साव, विधायक डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी ,प्रवक्ता भूपेंद्र सवन्नी, हर्षिता पांडे ने कहा कि राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष ने मेड़ पार पहुंचकर बकायदा ग्रामीणों को धमकी देते हुए उन्हें इस मामले में खामोश रहने को कहा है, जिससे सरकार की मंशा समझ में आती है। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय स्तर पर सरपंच और सचिव को बलि का बकरा बनाने की कोशिश की जा रही है, ताकि पूरे मामले में लीपापोती की जा सके। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कहा कि वे किसी भी कीमत पर इस मामले को वे रफा-दफा नहीं होने देंगे।

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