गोबर बेचकर रामनाथ ने कमाया 27 हजार रूपए, अब उन्नत नस्ल की गाय व बछिया खरीदकर बढ़ाएंगे दुग्ध व्यवसाय


रायपुर.  छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी ‘गोधन न्याय योजना’ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में मददगार साबित हो रही है। गोबर बेचने से मिले रूपये को कोई अपनी खेती-किसानी में लगा रहा है, तो कोई उससे पशुधन खरीद कर दुग्ध व्यवसाय को मजबूती प्रदान करने में लगा हुआ है। इसी कड़ी में कांकेर जिले के चारामा विकासखण्ड के ग्राम आंवरी के भूमिहीन किसान श्री रामनाथ ठेठवार ने भी गोबर बेचने से मिले 27 हजार रूपये से दो उन्नत नस्ल की गाय व बछिया खरीदी है, जिससे वे अपने दुग्ध व्यवसाय को बढ़ायेंगे। श्री रामनाथ ने बताया कि उनके पास देशी नस्ल की गाय थी, जिसे कृत्रिम गर्भधान कराया गया और उससे उन्नत नस्ल की बछिया पैदा हुई जो अब गाय बनकर दूध दे रही है। जिससे उन्होंने अपना दुग्ध व्यवसाय शुरू किया जो उनके परिवार के जीवन-यापन का एकमात्र साधन है। पशुपालक श्री रामनाथ ठेठवार को दूध के विक्रय से प्रतिमाह लगभग 4 से 5 हजार रूपये की शुद्ध आमदनी हो जाती है। उन्होंने बताया कि उनके पास वर्तमान में उन्नत नस्ल के 19 पशुधन है, जिसके गोबर को आंवरी के गौठान में बेचने से 27 हजार रूपये की आय हुई। इन्हीं पैसों से उन्होंने ‘साहीवाल नस्ल’ की एक गाय और बछिया खरीदी। गौरतलब है कि कांकेर जिले में 4 हजार 497 पशुपालकों के द्वारा गोबर बेचकर एक करोड़ 30 लाख 66 हजार रूपए की आमदनी हुई है, जिसका उपयोग वे अपने जीवन स्तर को संवारने और बेहतर करने में लगा रहे हैं।

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