जिन्हें देसी घी खाना पसंद नहीं उनके लिए शानदार विकल्प है यह वर्जिन ऑइल

हम सभी का स्वाद और पसंद अलग-अलग होती हैं। ऐसे ही किसी को देसी घी खाना बहुत पसंद होता है तो कोई इसका नाम सुनकर ही कह देता है- प्लीज मेरी सब्जी में मत डालना! जिन लोगों को देसी घी खाना पसंद नहीं होता, पोषण तो उनके शरीर को भी चाहिए होता है ना…इसलिए इस प्राकृतिक तेल में बना खाना उनके शरीर में घी से मिलनेवाले पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है…

नारियल तेल प्राकृतिक गुणों और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। अगर आप वर्जिन कोकोनट ऑइल में बना खाना खाएंगे तो मॉनसून के इस सीजन में आपको अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने में सहायता मिलेगी…

वर्जिन ऑइल वो तेल कहलाते हैं, जिन्हें बनाने की प्रक्रिया में किसी तरह की मिलावट या फूड ग्रेड केमिकल का भी उपयोग नहीं किया जाता है। बल्कि वे पूरी तरह अपने प्राकृतिक रूप में होते हैं। कोकोनट ऑइल कच्चे गोले की ही तरह खूबियों का खजाना होता है। इसमें शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व जैसे विटमिन्स, मिनरल्स और प्रोटीन पाया जाता है।

कमजोर नहीं होने देता
-मॉनसून के सीजन में जिस तरह की उमस होती है और शरीर से लगातार पसीना बहता रहता है, उसके कारण कई बार शरीर में पानी की कमी हो जाती है। लेकिन वर्जिन कोकोनट ऑइल का खाने में उपयोग करने से यह शरीर को हाइड्रेट रखने का काम करता है। यानी आपके शरीर में जरूरी नमी को ब्लॉक करने का काम करता है। इससे आपको कमजोरी महसूस नहीं होती है।

दिल के लिए भी बेहतर
-कोकोनट वर्जिन ऑइल में गुड कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है। यह दिल को सेहतमंद रखने का काम करता है। जिन लोगों को देसी घी खाना पसंद नहीं होता है, वे दाल, सब्जी और चपाती में इस वर्जिन ऑइल का उपयोग घी की तरह कर सकते हैं।

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देसी घी का अच्छा विकल्प है नारियल तेल

-कोकोनट वर्जिन ऑइल जितना पोषक होता है, उतना ही स्वादिष्ट भी होता है। गर्मी के मौसम में अक्सर मन खराब होने या घबराहट होने की समस्या कुछ लोगों को परेशान करती है। लेकिन अगर आप नियमित रूप से इस तेल का उपयोग करते हैं तो आपको इस तरह की समस्याएं परेशान नहीं करेंगी।

ऐंटिएलर्जिक होता है
-कोकोनट ऑइल ऐंटिएलर्जिक और ऐंटिबायॉटिक होता है। साथ ही ऐंटिफंगल गुणों से भी भरपूर होता है। यानी मॉनसून के सीजन में होनेवाली ज्यादातर बीमारियों से सुरक्षित रहने का आसान तरीका है नारियल के तेल का नियमित सेवन।

-कोकोनट वर्जिन ऑइल से स्किन पर मसाज भी की जा सकती है। यह त्वचा की कोशिकाओं को पोषित करने के साथ ही त्वचा को मुलायम और खूबसूरत बनाने का काम भी करता है। इसमें पाई जानेवाली ऐंटिबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज स्किन पर किसी तरह के बैक्टीरिया या फंगल इंफेक्शन को पनपने नहीं देती हैं।

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