पाकिस्‍तान में गुरुद्वारे को मस्जिद में बदलने का प्रयास, भारत ने जताया ऐतराज


नई दिल्‍ली. सिख तीर्थ स्थल से जुड़े स्थान पर कब्जा करने की पाकिस्तान के लाहौर में नापाक हरकत हुई है. भारत ने पाकिस्तान के समक्ष इस हरकत को लेकर तीखा विरोध जताया. क्या करतारपुर कॉरिडोर सिखों के प्रति सहिष्‍णुता जताने के लिए सिर्फ पाकिस्तान का दिखावा था? असल में क्या पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थलों पर कब्जा किया जा रहा है? भारत ने लाहौर के नौलखा बाजार स्थित एक प्रसिद्ध गुरुद्वारे को मस्जिद में तब्दील करने के प्रयासों की खबर को लेकर पाकिस्तान उच्चायोग के समक्ष सोमवार को कड़ा विरोध दर्ज कराया. यह जानकारी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने दी.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘पाकिस्तानी उच्चायोग के समक्ष आज उस कथित घटना को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया कि पाकिस्तान के लाहौर के नौलखा बाजार स्थित भाई तारु सिंह जी के शहादत स्थल गुरुद्वारा ‘शहीदी स्थान’ को कथित तौर पर मस्जिद शहीद गंज स्थान होने का दावा किया गया है और उसे एक मस्जिद में तब्दील करने के प्रयास किये जा रहे हैं.’’

उन्होंने कहा कि भारत ने घटना को लेकर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है और पाकिस्तान से कहा कि वह मामले की जांच करे और तत्काल सुधारात्मक कदम उठाये.

श्रीवास्तव ने इस बारे में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘पाकिस्तान से यह भी कहा गया है कि वह अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की सुरक्षा, हितों के साथ ही उनके धार्मिक अधिकारों और सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करे.’’

उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा शहीदी स्थान भाई तारु जी एक ऐतिहासिक गुरुद्वारा है जहां भाई तारु जी ने 1745 में सर्वोच्च बलिदान दिया था.

उन्होंने कहा, ‘‘गुरुद्वारे श्रद्धा का स्थान हैं और इसे सिख समुदाय द्वारा पवित्र माना जाता है. इस घटना को भारत में गंभीर चिंता के साथ देखा गया है. पाकिस्तान में अल्पसंख्यक सिख समुदाय के लिए न्याय की मांग की जा रही है.’’

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