बेलर मशीन से पैरा दान करना हुआ आसान, गौठान के पशुओं को मिलेगा भरपूर चारा


बिलासपुर. शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के अंतर्गत गौठानों में पशुओं को चारे की व्यवस्था स्ट्रा बेलर मशीन के इस्तेमाल से आसान हो गई है। यह मशीन शीघ्रता से खेतों के पैरे का गट्ठर बनाती है। फसल कटने के बाद पैरा का बण्डल बनाने वाली मशीन को स्ट्रा बेलर मशीन कहते हैं। कृषि अभियांत्रिकी बिलासपुर के कृषि यंत्री एवं जिले के उपसंचालक कृषि के मार्गदर्शन में बिलासपुर जिले के ग्राम आंखडीह, महमंद और बैमानगोई में कृषक श्री घनश्याम पटेल, श्री प्रकाश रजक एवं श्री छोटू पटेल के खेत में क्रमशः एक एकड़, चार एकड़ एवं पांच एकड़ में स्ट्रा बेलर मशीन के द्वारा कुल 220 बेल पैरा का गट्ठा जीवंत प्रदर्शन किया गया। साथ-साथ जांजगीर जिले के ग्राम बालपुर में कृषक श्री घनश्याम गोविंद राम के तीन एकड़ में 67 बेल बनाने का जीवंत प्रदर्शन कराया गया। रायगढ़ जिले के ग्राम बेसपाली, इमलीपाली, पचेरा, कुंजेमुरा, सरिया एवं कांदुरपाली में कुल 881 बेल (गट्ठर) बनाये गये। यह समस्त बेल गौठानों में पशुओं के चारे के रूप में उपयोग की जायेगी। बेलर मशीन द्वारा एक घंटे में एक एकड़ खेत का पैरा एकत्र कर 18-20 किलो वजन 35 से 40 बेल तैयार किया जाता है। कृषकों द्वारा बेलर मशीन की कुशलता को देखकर कृषक में काफी उत्साह देखा गया है एवं भविष्य में अपने खेतों से पैरा एकत्र कर गौठानों में पैरादान करने के लिये सहमति जताई गई। कृषि अभियांत्रिकी बिलासपुर संभाग अंतर्गत बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर एवं रायगढ़ जिले के लिए एक-एक बेलर मशीन आबंटित किया गया है। समस्त आदर्श गौठान में बेलर मशीन का जीवंत प्रदर्शन एवं पैरादान किया जाएगा। पैरादान का यह द्वितीय चरण है। जिसमें कृषक बहुत ही उत्साह से अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं और बेलर मशीन के प्रति बहुत ही सकारात्मक दृष्टिकोण दिखाते हुए पैरा नहीं जलाने के लिये प्रतिबद्ध हुए एवं स्वयं ही पैरा जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में अन्य कृषकों को जागरूक कर रहे हैं। कृषक अपने गांव में मशीन के जीवंत प्रदर्शन संबंधी जानकारी ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!