शासकीय जमीनों पर भू-माफियाओं का कब्जा, नदी किनारे बसे लोगों को खदेड़ने थमाई जा रही है नोटिस

बिलासपुर. अरपा नदी के दोनों किनारे सड़कों का निर्माण किया जाना है, इसके लिए कई लोगों के घरों को तोड़ा भी जाएगा। बेघर होने वाले लोगों को अटल आवास योजना के तहत मकान भी आबंटित किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया अब तेज हो गई है। अरपा नदी को संवारने के लिए सरकंडा और पचरीघाट में दो एनीकट का निर्माण किया जाना है। ऐसी स्थिति में कई लोग बेघर हो जाएंगे। हालांकि ये लोग हाल ही में नदी किनारे घर बनाकर रह रहे हैं लगभग सभी के मकान पक्के हैं। ऐसे में उन्हें वहां से हटाने में प्रशासन को भारी दिक्कतों को सामना करना पड़ सकता है। नदी किनारे रहने वाले लोगों का कहना है कि शहर व आसपास के अधिकांश सरकारी जमीनों पर भू-माफियाओं से बिल्डिंग निर्माण करा लिया है इन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई और गरीबों को हटाने प्रशासन द्वारा ताकत झोंकी जा रही है जो पूर्णत: गलत है। नगर निगम व जिला प्रशासन द्वारा आंख में पट्टी बांधकर काम किया जा रहा है। शहर व आसपास के सरकारी जमीनों पर भू-माफियाओं ने कब्जा जमा लिया है। अरपा नदी के दोनों ओर तेजी से बेजा कब्जा करने वाले पर शासन ने कभी ध्यान नही दिया, समय रहते अवैध कब्जा कर घर बनाने वाले लोगों को रोका नहीं गया अब आबादी बढ़ जाने के बाद प्रशासन लोगों को मकान खाली करने नोटिस थमाया जा रहा है। जिसका चारों ओर विरोध शुरू हो गया है। ऐसे में अरपा नदी को संवारने सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास पर अभी से खतरा मंडराने लगा है। नदीं किनारे बसे गोंडपारा से लेकर कतियापारा और सरकंडा चांटीडीह इलाके के लगभग सभी घाटों में लोगों ने कब्जा कर मकान बना लिया है।

जिसके चलते अरपा नदी की प्रदूषित होते चली गई। शहर के मुख्य नाले का रूख भी कब्जा करने वालों ने मोड़ दिया है नदी अब नाला का रूप ले चुकी है। लगातार घाटों का बंद होना और बेधड़क कब्जा करने वालों के विरुद्ध आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। निगम द्वारा समय रहते लोगों को नहीं समझाया जिसके चलते आज की स्थिति में कब्जा करने वाले उग्र हो रहे हैं। पचरीघाट, कतियापारा, गोंडपारा, सरकंडा जबड़ापारा इलाके में बिना सोचे समझे शासकीय योजनाओं के तहत पक्का मकान बनाने अनुमति दे दी गई है। महज पांच सालों में  एक भी खपरे का मकान नहीं रहा सभी मकानों के स्थान पर बिल्डिंग निर्माण करा लिया गया है। अब इन्हीं मकानों को तोड़कर नदी किनारे सड़क व पानी रोकने की डेम बनाने स्वीकृति प्रदान की जा रही है। जिसका अभी से पुरजोर विरोध शुरू हो गया है।

जमकर की गई मनमानी 
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मिलकर पिछले पांच सालों में नदी किनारे कब्जा कराने का जमकर खेल खेला। टूटे फुटे मकानों को दिखाकर शासकीय योजना से राशि आवंटित कर तेजी से मकान निर्माण करा लिया गया। आज की स्थिति में भी निर्माण कार्य चल रहा है तो वहीं दूसरी ओर लोगों को यह भी डर सताने लगा है कि उन्हें अब इन मकानों से हटाकर अटल आवास में शिफ्ट किया जाएगा।

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