नाबालिग को जबरदस्ती कार में ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड
सागर । नाबालिग को जबरदस्ती कार में ले जाकर जबरन दुष्कर्म करने वाले आरोपी राजीव अहिरवार को भा.द.वि. की धारा- 366 के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड , धारा- 344 के तहत एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड तथा पॉक्सों एक्ट की धारा- 5(एल)/6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत नेे दंडित किया। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता की मॉं ने दिनॉक- 09.01.2023 को थाना मकरोनिया में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि उक्त दिनॉक को पीड़िता सुबह स्कूल पेपर देने जाने का कहकर गई थी तथा लौटकर वापस घर नहीं आई किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा पीड़िता को बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाने की शंका व्यक्त की। दिनॉक 19.01.23 को पीड़िता के दस्याब होने पर उसने अपने कथनों में बताया कि वह स्कूल पेपर देने जा रही थी तभी एक कार उसके आगे आकर रूकी उसमें अभियुक्त था जो जबदस्ती उसे गाड़ी में बैठाकर ले गया और एक कमरे में ले जाकर बंद रखकर उसके साथ कई बार गलत काम किया । उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मकरोनिया द्वारा धारा 363, 366ए,376, 376(2)(एन), भा.दं.सं. एव धारा 3/4, 5एल/6 लैंगिक अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया।