May 7, 2024

मोटर साइकिल से गांजे की तस्करी करने वाले आरोपी को 6 माह का कठोर कारावास

सागर . मोटर साइकिल से गांजे की तस्करी करने वाले आरोपी दयाल साहू को न्यायालय विषेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवंमनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर, श्रीमान अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने दोषी करार देते हुये स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा-8 सहपठित धारा- 20(इ)(पप)(ठ) के तहत 06 माह का कठोर कारावास एवं पाॅच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया ।  मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में विषेष लोक अभियोजक श्री संजय कुमार पटैल ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना बांदरी को दिनाॅक 26.12.2020 को रात्रि करीब 8ः00-8ः15 बजे जरिये मुखबिर सूचना प्राप्त हुई कि एक व्यक्ति मोटर साइकिल से बांदरी से रजवांस की तरफ गांजा लिये जा रहा है अन्य वैधानिक कार्यवाही उपरांत मुखबिर की सूचना के आधार पर उसके द्वारा बताये स्थान सौरभ ढाबा के पास पहुंचकर वाहनों की चैकिंग लगाई गई कुछ समय पष्चात एक मोटर साइकिल आती हुई दिखाई दी उसकी गाड़ी पर घड़ी छाप झोला बंधा हुआ था जिसे हमराह स्टाफ की मदद से घेराबंदी कर रोककर पूछे जाने पर उसने अपना नाम दयाल साहू निवासी- चंद्रापुर बताया। संदेही को मुखबिर सूचना से अवगत कराया गया। अभियुक्त के थैले की तलाषी लेने पर गांजे जैसा पदार्थ पाया गया जिसे गवाहों के समक्ष सूंघकर, चखकर, जलाकर तथा प्रषिक्षण के आधार पर मादक पदार्थ गांजा होना पाया गया जिसका कुल वजन 1 किलो 250 ग्राम होना पाया गया । उक्त आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना मे ंलिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-बांदरी जिला- सागर द्वारा धारा-8/20 एन.डी.पी.एस. का अपराध आरोपीगण के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एव ंअभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय विषेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवंमनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर, श्रीमान अब्दुल्लाह अहमद की न्यायालय ने  आरोपी को दोषी करार देते हुये उपरोक्त सजा से दंडित किया है।

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